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हाथियों के प्रकोप से ग्रामीणों और फसल को बचाने के लिए नई पहल, 1465 हेक्टेयर में घास और 650 हेक्टेयर में लगेंगे फलदार पौधे

locationकोरबाPublished: Oct 15, 2020 10:14:58 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

हाथियों के लिए धान पोषाहार भी होता है और स्वादिष्ट भी। इसलिए वे खेतों की तरफ चले आते हैं। इससे मानव-हाथी द्वंद्व होता है। जून से लेकर अब तक रायगढ़, सरगुजा, कोरबा, बिलासपुर जिलों में 9 से अधिक हाथियों की मौत हुई है। इसके पीछे की वजहों में मानव-हाथी द्वंद्व माना जा रहा है।

कोरबा. हाथियों के प्रकोप से ग्रामीणों और फसल को बचाने वन विभाग नई पहल कर रहा है। विभाग ने हाथी के हमले से प्रभावित गांवों से दूर हाथियों के लिए ऑस्ट्रेलिया की खास तरह की घास लगाने की योजना पर काम कर रहा है। इसके बाद हाथी खेतों और गांवों की तरफ खाने की तलाश में नहीं आएंगे। हाथियों को इस घास के जरिए डायवर्ट भी किया जाएगा। ऑस्ट्रेलियन इस घास को नेपियर, सोल्हे गांजा व पेनिसेटम प्योरियम घास कहा जाता है।

अभी धान हाथियों का पसंदीदा भोजन

हाथियों के लिए धान पोषाहार भी होता है और स्वादिष्ट भी। इसलिए वे खेतों की तरफ चले आते हैं। इससे मानव-हाथी द्वंद्व होता है। जून से लेकर अब तक रायगढ़, सरगुजा, कोरबा, बिलासपुर जिलों में 9 से अधिक हाथियों की मौत हुई है। इसके पीछे की वजहों में मानव-हाथी द्वंद्व माना जा रहा है।

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धान से 12 फीसदी ज्यादा प्रोटीन

ऑस्ट्रेलिया से मंगाई जा रही इस घास का स्वाद हाथियों के लिहाज मुफीद है। यह उन्हें धान की तरफ आने से रोकेगी। चूंकि इसमें हाथियों के विशालकाय शरीर के हिसाब से भरपूर पोषाहार भी है और उनकी हेबिटिटी के अनुरूप टेस्ट व अन्य जरूर तत्व भी। हाथियों का वजन 4 से 5 हजार किलो होता है। इन्हें पोषक आहार की जरूरत अधिक होती है। यह घास एक बार हो जाने के बाद अपने आप उगती रहती है। विज्ञायोंं के मुताबिक इसमें 12 फीसदी अधिक प्रोटीन होता हैं

ऐसी है तैयारी हो रही है

-रिजर्व एरिया के 21 सौ हेक्टेयर में 650 हेक्टेयर में फलदार पौधे और 1465 हेक्टेयर में यह स्पेशल घास लगाई जाएगी। इस 15 करोड़़ खर्च होंगे।

-किस जगह पर कौन सी घास आसानी से लग सकती है इसका परीक्षण करने के लिए ग्रास एक्सपर्ट कोरबा, कटघोरा, धरमजयगढ़ और सरगुजा के जंगलों की मिट्टी का परीक्षण करेंगे।

कहां कितने एरिया में लगेंगे पौधे एक नजर में (हेक्टेयर में)

वनमंडल- फलदार- घास- कुल खर्च

कोरबा- 200- 300- 4.2 करोड़

कटघोरा- 50- 100- 1.10 करोड़

धरमजयगढ़- 150- 214- 4.5 करोड़

सरगुजा- 250- 240- 4.6 करोड़

एलीफेंट रिजर्व एरिया में फलदार पौधों के साथ ऐसी ग्रास लगाई जाएंगी जो हाथियों के न्यूट्रिशन के लिहाज से बहुत जरूरी है। इसके लिए एक ग्रास एक्सपर्ट जल्द सभी क्षेत्रों का दौरा कर परीक्षण करेंगे।

– एस वेंकटाचलम, सीसीएफ, कैम्पा, छत्तीसगढ़

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