50 हजार तक का खर्च राज्य, इससे ऊपर केन्द्र से
आयुष्मान योजना में कई तरह के नए नियम जोड़े गए हैं। जिसके अनुसार पूर्व में संचालित मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा के तहत ५० हजार रुपए का इलाज आयुष्मान के अंतर्गत ही कवर होगा। इसका खर्च राज्य शासन वहन करेगी। जबकि इलाज का खर्च ५० हजार से ज्यादा होने पर इसकी राशि केन्द्र सरकार द्वारा निजी अस्पतालों को प्रदाय की जाएगी।
कई अस्पतालों ने नहीं कराया पंजीयन
योजना को लेकर अब भी निजी अस्पतालों व सरकार के बीच गतिरोध बरकरार है। कई अस्पतालों ने योजना के तहत इलाज करने के लिए आवेदन ही नहीं किया है। सरकार ने भी ऐसे अस्पतालों को किसी भी तरह का सरकारी काम देने पर बैन लगा दिया है। संचालकों का कहना है कि सरकार हमें ५० हजार रूपए से ज्यादा का इलाज देने अपात्र करती है।
ये दो अस्पताल ही है इसके पात्र, लेकिन इनकी शिकायतें भी कम नहीं
आयुष्मान योजना के तहत सरकार ने केवल सुपर स्पेश्यलिटी की अर्हता रखने वाले अस्पतालों को ही ५० हजार से ज्यादा का इलाज करने की अनुमति दी है। जिले में ऐसे केवल दो अस्पताल ट्रामा सेंटर न्यू कोरबा हॉस्पिटल को ही चिन्हांकित किया गया है। इन दो अस्पतालों में ही पांच लाख तक का इलाज मिल सकेगा। परेशानी यह है कि इन दोनो अस्पतालों के विषय में भी लगातार शिकायतें मिलती रहती हैं। जिससे जिले में योजना के सफलता पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। ट्रामा और न्यू कोरबा को छोड़कर शेष अस्पतालों में ५० हजार रुपए तक का इलाज चिन्हित हितग्राहियों को मिलता रहेगा।
एक लाख 99 हजार परिवार पात्र, एमएसबीवाई भी शामिल
जिले में आयुष्मान योजना के तहत एक लाख ९९ हजार परिवार पात्र हैं। जिन्हें बीपीएल कार्ड व अन्य पात्रता के मापदण्डों के तहत चिन्हित किया गया है। इसके अलावा जिन हितग्राहियों के पास मुख्य मंत्री स्वास्थ्य बीमा(एमएसबीवाई) वाला स्मार्ट कार्ड है। उन्हें भी ५० हजार तक के इलाज के लाभ मिलेगा। जबकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा वालों को सीधे आयुष्मान में शामिल किया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक १० हजार लोगों को जिले में योजना का लाभ मिल चुका है।