बनाना पड़ा अतिरिक्त कमरा
कलेक्टोरेट परिसर में संचालित इस दाल-भात केंद्र के लिए शासन की ओर से जगह उपलब्ध करवाया गया है। लेकिन जब यहां लोगों की भीड़ लगने लगी तो ये जगह छोटा पड़ गया। ऐसे में महिला समूह ने अपने खाते के पैसे निकालकर बाहर में एक अतिरिक्त कमरा बनवाया है जहां खाने की टेबल कुर्सी, पर्दे व टाइल्स आदि लगाए गए हैं।
चावल की कर देते हैं प्रोसेसिंग
समूह की अध्यक्ष हारबाई ने बताया कि इस केंद्र के संचालन के लिए शासकीय रेट पर चावल आदि भी प्रदान किया जाता है। ऐसे में उनके समूह का अपना मिल है जहां महिलाएं इस चावल को अच्छे से साफ कर पॉलिश कर देती हैं इससे चावल भी अच्छा हो जाता है और खुशबू भी आ जाती है इसे लोग काफी पसंद करते हैं।
अब नहीं लाते हैं टिफिन
इस केंद्र के आसपास कई सरकारी दफ्तर हैं। या यूं कहें कि अधिकांश दफ्तर यहीं पर है। पास में कचहरी भी है। ऐसे में पूर्व में यहां कार्यरत कर्मचारी अपने घर से टिफिन लेकर आया करते थे। पर इस केंद्र के संचालन के बाद उन लोगों ने घर से टिफिन लाना बंद कर दिया है। वो यहीं आकर दोपहर का भोजन ग्रहण करते हैं।