तापमान में गिरावट के बावजूद प्रदेश में बिजली की मांग 3039 मेगावाट के आसपास बनी हुई है। प्रदेश में बिजली की मांग को कोरबा में स्थापित केन्द्र और राज्य सरकार के पॉवर प्लांट करते हैं। लेकिन सेंट्रल इलेक्ट्रिीसिटी ऑथोरिटी की रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश के बिजली संयंत्रों की हालत ठीक नहीं है।
एसईसीएल पर निर्भर है कोयले की आपूर्ति
प्रदेश के अधिकांश बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति एसईसीएल के खदानों से होती है। एनटीपीसी की जमनीपाली यूनिट को गेवरा खदान से कोयला दिया जाता है। छत्तीसगढ़ बिजली कंपनी की सभी इकाइयों को कोरबा, दीपका, कुसमुंडा और गेवरा एरिया से कोयला मिलता है।
-संयंत्र में एक दिन का ही स्टॉक है। लेकिन सप्लाई नियमित आ रही है। इससे फिलहाल उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा है। लेकिन कोयले की सप्लाई अनियमित होने पर परेशानी बढ़ सकती है।
-आशुतोष नायक, जनसंपर्क अधिकारी, एनटीपीसी कोरबा