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कोरबा के एसईसीएल कॉलोनी सुभाष ब्लॉक में रहने वाले बबलू मारवाह ने काफी समय से अपने घर में कबूतर पाल रखे हैं। इनकी संख्या वर्तमान में सैकड़ों में है । इसी में से 36 कबूतर बारी बारी से मर गए। इससे वह सकते में आ गया। इस बारे में बबलू ने पशु चिकित्सा विभाग को सूचित किया। वेटरनरी डिपार्टमेंट के डॉक्टर सोहन सिंह गुर्जर और उनके सहयोगी हितेंद्र सोनी मौके पर पहुंचे जरूरी जांच की। इसमें पाया गया कि कबूतरों की मौत के पीछे बर्ड फ्लू (Bird Flu) जैसा लक्षण नहीं है और ना ही कोई कारण। सामान्य तौर पर बर्ड फ्लू में पक्षियों के आंख और नाक से पानी आने और मलद्वार में सूजन होने सहित पंखों के झड़ने की स्थिति निर्मित होती है।
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इस मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ। विभाग ने माना कि विटामिन सी की कमी से 36 कबूतरों की मौत हुई है। बर्ड फ्लू के मद्देनजर विभाग ने पक्षी पालकों से कहा है कि अगर पक्षियों के मुंह और आंख से पानी आने जैसी समस्या नजर आए तो जल्द इसकी जानकारी विभाग को दें। इसके अलावा पक्षियों की मौत होने पर भी अवगत कराया जाए। ऐसा करने से समय पर नियंत्रण किया जाना संभव होगा।