scriptVIDEO : बीएमएस की हड़ताल का मिला जुला असर, काम पर नहीं पहुंचे 25 फीसदी मजदूर | BMS strike got mixed effect, workers did not reach work | Patrika News
कोरबा

VIDEO : बीएमएस की हड़ताल का मिला जुला असर, काम पर नहीं पहुंचे 25 फीसदी मजदूर

Strike in coal industry : थोड़ी देर तक बंद रहने के बाद कोयला खनन व डिस्पेच फिर चालू

कोरबाSep 23, 2019 / 07:40 pm

Vasudev Yadav

बीएमएस की हड़ताल का मिला जुला असर, काम पर नहीं पहुंचे 25 फीसदी मजदूर

VIDEO : बीएमएस की हड़ताल का मिला जुला असर, काम पर नहीं पहुंचे 25 फीसदी मजदूर

कोरबा. कोयला उद्योग में 100 फीसदी एफडीआई के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ की पांच दिवसीय हड़ताल शुरू हो गई है। पहले दिन पहली व दूसरी पाली में हड़ताल का मिला जुला असर देखा गया। कोरबा, गेवरा, दीपका और कुसमुंडा में कामगारों की उपस्थिति सामान्य से लगभग 25 फीसदी तक कम रही।

कोरबा एरिया की भूमिगत खदान ढेलवाडीह में उत्पादन सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। सिंघाली, सुराकछार में भी उत्पादन पर असर पड़ा है। कोरबा एरिया की खुली खदान मानिकपुर में भी कोयला खनन व डिस्पेच प्रभावित हुआ। हालांकि दिन चढऩे के साथ उत्पादन और डिस्पेच शुरू हो गया है।
100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ ने कोयला उद्योग में पांच दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है। इसका साउथ ईस्टर्न कोयला मजदूर कांग्र्रेस ने समर्थन किया है। हड़ताल के पहले दिन कोयला खदानों पर मिला जुआ असर देखा गया। लगभग 25 फीसदी मजदर काम पर नहीं पहुंचे। इसमें अधिकतर बीएमएस व मजदूर कांग्रेस के समर्थक थे।
हड़ताल को सफल बनाने के लिए सोमवार की सुबह समर्थक खदान क्षेत्र में पहुंचे। ड्यूटी जा रहे कर्मचारियों को समझाकर हड़ताल में शामिल करने की कोशिश की। कुछ कर्मचारी हड़ताल की समझाइस पर मान गए। कुछ नहीं माने। वे ड्यूटी के लिए खदान चले गए। एसईसीएल की मानिकपुर कोयला खदान में हड़तालियों ने थोड़ी देर के लिए मिट्टी और कोयला परिवहन में लगी गाडिय़ों को रोक दिया। सुबह लगभग साढ़े छह बजे से मानिकपुर खदान में गाडिय़ों के पहिये थम गए। हालांकि मजदूर नेताओं के खदान से लौटते ही निजी कंपनियों ने फिर से मिट्टी व कोयला खनन चालू कर दिया। सुबह 11 बजे से कोयला खनन सामान्य हो गया।
हड़ताल के समर्थन में श्रमिक नेता कोरबा एरिया के सेंट्रल वर्कशॉप गेट के बाहर भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। श्रमिक नेताओं ने वर्कशॉप में ड्यूटी जाने वाले अधिकांश कामगारों को समझाबुझाकर लौटा दिया। साउथ ईस्टर्न कोयला मजदूर संघ बिलासपुर के अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने बताया कि हड़ताल से वर्कशॉप में कामगारों की उपस्थिति सामान्य दिनों की तुलना में आधी देखी गई। वर्कशॉप का लाइट मोटर व्हीकल सेक्शन पूरी तरह से बंद रहा है। सेंट्रल स्टोर में भी कर्मचारियों की उपस्थिति कम रही। गोपाल नारायण ने ढेलवाडीह खदान में हड़ताल को १०० फीसदी सफल बताया।
अखिल भारतीय कोयला मजदूर संघ बिलासपुर के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि हड़ताल से पहली पाली में कोयला खदानों पर असर पड़ा है। उत्पादन सामान्य दिनों की तुलना में कम हो रहा है।

कुसमुंडा, गेवरा और दीपका में आउट सोर्सिंग से पूरे काम
एसईसीएल की मेगा प्रोजेक्ट गेवरा, दीपका और कुसमुंडा में हड़ताल का ज्यादा असर नहीं देखा गया। बीएमएस और मजदूर कांग्रेस के समर्थक हड़ताल पर रहे। लेकिन आउट सोर्सिंग के मजदूरों ने काम किया। खदान में सामान्य दिनों की तरह गाडिय़ों चली। कोयला खनन से लेकर डिस्पेच तक हुआ। मिट्टी खनन पर भी हड़ताल का असर नहीं पड़ा। हालांकि बीएमएस नेता लक्ष्मण चन्द्रा ने गेवरा दीपका और कुसमुंडा में हड़ताल को सफल बताया है।

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