कोरबा सीएसपी राहुल देव शर्मा ने बताया कि 16 जनवरी की सुबह श्यांग थाना क्षेत्र के ग्राम लबेद स्थित एक बांध के पानी में एक व्यक्ति की लाश मिली थी। कपड़े के आधार पर मृतक की पहचान रजगामार बस्ती में रहने वाले कृष्ण कुमार कंवर उम्र ३५ साल से की गई थी। लाश की पहचान मृतक की पत्नी ने किया था। उसने पूछताछ में बताया था कि ग्राम डुमरडीह निवासी कोमल उर्फ कचरा महंत के साथ कृष्ण कुमार के संबंध थे। वह अक्सर मिलने जाता करता था। पुलिस ने कृष्ण कुमार के मोबाइल का डिटेल निकालकर जांच चालू की। अंतिम बार १० दिसंबर को उसकी बात मंसाराम के साथ होना की जानकारी मिली। पुलिस ने मंसाराम से पूछताछ की। उसने बातचीत स्वीकार किया, लेकिन उसकी हत्या में शामिल होने से इनकार किया। मोबाइल पर युवती कोमल भी अक्सर कृष्ण कुमार से बातचीत करती थी। उसने हत्या में शामिल या इसकी जानकारी होने से मना किया। तब पुलिस ने घटना के दिन के तीनों का मोबाइल लोकेशन प्राप्त किया। लेकिन तीनों का लोकेशन एक दूसरे से मेल नहीं खा रहा था। तब पुलिस ने पूछताछ के लिए कोमल और मंसाराम को उठा लिया। उसने कोमल के नाबालिग भाई, उसके पिता मोहन दास और मामा इतवार सिंह से भी उठाकर पूछताछ की। कड़ाई से पूछताछ करने पर सबसे पहले नाबालिग लडक़े ने मुंह खोला। उसने हत्या में पांच लोगों के शामिल होने की जानकारी दी। जांच आगे बढ़ी तो आरोपियों ने अपना गुनाह स्वीकार लिया। पुलिस ने कृष्ण कुमार की हत्या के आरोप में मंसाराम महतो उर्फ नाका, मोहन दास, कोमल महंत, इतवार दास और विधि से संघर्ष कर रहा नाबालिग शामिल है। सभी के खिलाफ षडयंत्र रचकर हत्या और सबूत नष्ट करने का केस दर्ज किया गया है।
गिद्द कुवांरी के जंगल में हत्या फिर बाइक ले जाकर लगाया ठिकाना
पूछताछ में पता चला है कि कृष्ण कुमार 10 दिसंबर को प्रेमिका कोमल के बुलावे पर उससे मिलने पहुंचा था। कोमल और कृष्ण कुमार गिद्द कुवांरी के जंगल में बैठकर बातचीत कर रहे थे। इसबीच मंसाराम, मोहन दास, इतवार सिंह और नाबालिग पहुंचे थे। उन्होंने कृष्ण कुमार को घर चलकर बातचीत करने के लिए कहा। सभी जंगल से लडक़ी के घर डुमरडीह जा रहे थे। रास्ते में गिद्द कुवांरी के जंगल में लडक़ी और उसके परिवार वालों ने मिलकर कृष्ण कुमार को जमीन पर पटक दिया। रस्सी से गला दबाकर हत्या कर दिया। शव को बाइक पर उठाकर ग्राम लबेद स्थित बांध में फेंक दिया। लाश पानी से उपर न उठे इसके लिए लाश को लुंगी से और पत्थर से बांध दिया था।
तकनीक भी लिया सहारा
मोबाइल का लोकेशन पुलिस को नहीं मिल सके इसके लिए मोबाइल को फ्लाइट मोड में डाल दिया था। घटना के रात लगभग १० बजे शव को बांध के पानी में फेंक दिया था। इस खुलासे में थानेदार केएन तिवारी, राकेश मिश्रा, पौरुष, सब इंस्पेक्टर कमलेश संडे और साइबर सेल प्रभारी का योगदान रहा।