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खुले में गायों को छोडऩे वाले कांजीहाउस संचालक पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत केस दर्ज

locationकोरबाPublished: Jan 15, 2020 06:21:08 pm

० विषाक्त चारा खाने से हुई थी गायों की मौत, तहसीलदार ने दी सिर्फ छह गायों की मौत की रिपोर्ट० पाली पुलिस ने दर्ज किया केस

खुले में गायों को छोडऩे वाले कांजीहाउस संचालक पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत केस दर्ज

खुले में गायों को छोडऩे वाले कांजीहाउस संचालक पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत केस दर्ज

कोरबा. गायों की मौत के पांच दिन बाद तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने कांजी हाउस संचालक के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। प्रशासन के मुताबिक सिर्फ छह गायों की ही मौत हुई थी। कांजी हाउस संचालक की भूमिका सिर्फ इतनी ही तय की गई है कि उसने गायों को खुले में छोड़ दिया था।
पाली तहसील अंतर्गत ग्राम नुनेरा में हायर सेकेण्डरी स्कूल के समीप नौ जनवरी की सुबह काफी दुर्गंध आने के कारण बच्चों को छुट्टी दे दी गई थी। स्कूल के पास स्थित कांजी हाऊस में बड़ी संख्या में मवेशियों के मरने की सूचना व्याख्याता केदारनाथ सूर्यवंशी के द्वारा दिए जाने उपरांत एसडीएम के निर्देश पर हल्का पटवारी व सरपंच के साथ तहसीलदार विरेन्द्र श्रीवास्तव मौका मुआयना करने पहुंचे थे। मृत पाए गए गायों का पोस्टमार्टम उपरांत दफनाया गया था। सीएम की महत्वाकांक्षी योजना को देखते हुए पहले ही दिन से प्रशासन की जांच और रिपोर्ट दोनों ही गोलमोल रही है। पहले दिन तो नायब तहसीलदार यह बताने को ही तैयार नहीं थे कि कितने गायों की मौत हुई थी। गांव वालों को दूर रखकर गायों का पीएम कराकर दफना दिया गया था। बाद में प्रशासन ने यह कह दिया कि सिर्फ छह गायों की मौत हुई है, जबकि मौके से जो तस्वीर सामने आई है उसमें ६० से अधिक गाय स्पष्ट तौर पर नजर आ रही हंै। सोमवार को नायब तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर पाली पुलिस ने कांजीहाउस संचालक के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम की धारा ११ के तहत केस दर्ज कर लिया है। नायब तहसीलदार की रिपोर्ट भी यही कह रही है कि सिर्फ छह गायों की मौत हुई थी।

20 दिसंबर को कांजी हाउस बंद कर गायों को छोड़ दिया गया था
20 दिसंबर को कांजीहाउस बंद कर डेढ़ सौ गायों को खुले में छोड़ दिया गया था। कांजीहाउस संचालक के खिलाफ आरोप यही तय किया गया है कि उसने गायों को खुले मेें छोडऩे के बजाए गौठान मेंं क्यों नहीं दिया। १९ दिन से गाय बाहर घूम रही थी। इसी बीच उनकी मौत हो गई। इस मामले में गांव के सरपंच के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि कांजी हाउस उनके ही ग्राम पंचायत द्वारा संचालित था। सरपंच की भी जिम्मेदारी थी कि इसकी सूचना प्रशासन को दे।

पीएम रिपोर्ट कह रही विषाक्त खाने से हुई, जबकि 20 दिन से भूखी थी गाय
पीएम रिपोर्ट कह रही है कि गायों की मौत विषाक्त खाने से हुई है, जबकि गाय २० दिन से भूखे थे। उनको पर्याप्त चारा नहीं मिल रहा था। जिस जगह पर उनको मृत पाया गया वह बंजर जमीन थी। ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं। अब पशु विभाग गायों के बिसरा को जांच के लिए भेजा गया है। यहां से रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

सीएम प्रवास से ठीक पहले रिपोर्ट की पेश
मंगलवार को सीएम कोरबा प्रवास पर थे। हालांकि बाद में उनका दौरा निरस्त हो गया, लेकिन सीएम प्रवास के ठीक एक दिन पहले प्रशासन द्वारा अपनी रिपोर्ट तैयार कर पाली थाने को आनन-फानन में दी गई। देर रात पुलिस ने कांजी हाउस संचालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

जिस योजना पर पूरी सरकार की नजर, उस पर नजर रखने का समय ही नहीं
जिस योजना पर पूरी सरकार की नजर है, उस पर नजर रखने के लिए अधिकारियों के पास समय ही नहीं है। देखा जाए तो इस मामले मेें ग्राम पंचायत, सचिव, वन प्रबंधन समिति, पटवारी, नायब तहसलीदार से लेकर पशु विभाग की भी लापरवाही है। इतनी अधिक संख्या में गाय बिना किसी व्यवस्था के कांजी हाउस में थी। इस पर किसी भी जिम्मेदार ने ध्यान नहीं दिया। किस कांजी हाउस में कितनी गाय व किस स्थिति में है इसकी जानकारी अफसरों को होती ही नहीं है। अब जब मामला सामने आया है तो लीपापोती करते हुए कांजीहाउस संचालक पर ठींकरा फोड़ दिया गया है।

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