20 नाबालिग पहले से लापता
वर्ष 2005 से 2017 तक ढेरों बालक-बालिकाओं ने घर छोड़ा। पुलिस ने परिवार के साथ मिलकर अधिकांश बच्चों को सुरक्षित बरामद कर घर लौटा दिया, लेकिन 20 ऐसे लड़के लड़कियां हैं, जो आज तक घर नहीं लौटे। ये बच्चे कहां गए? इसकी जानकारी न तो पुलिस को है, न ही परिवार को। लेकिन इनके मिलने की आस अभी भी परिवार ने नहीं छोड़ी है। इनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट अलग अलग थानों में दर्ज है। पतासाजी के लिए पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान चालू किया था। इसके तहत पुलिस लापता बच्चों के परिवार के घर पहुंची। बच्चों के संबंध में जानकारी जुटाई। लेकिन परिवार से भी ज्यादा मदद नहीं मिली। जिले की अलग-अलग थाना क्षेत्रों से 20 अव्यस्क बच्चे लापता हैं। इसमें 11 लड़कियां और 09 लड़के हैं। पुलिस का कहना है कि ऑपरेशन मुस्कान के तहत लापता बच्चों की खोजबीन की गई थी, लेकिन कुछ बच्चे पुलिस को नहीं मिले थे।
माता-पिता की फटकार और प्रेम प्रसंग बन रहा कारण
लापता बच्चों की तलाश में जुटे अफसरों का कहना है कि कोरबा जिले से लापता बच्चों से संबंधित मामला घर छोड़कर मर्जी से जाने का है। किसी बच्चे का अपहरण नहीं हुआ है। घर छोडऩे वालों में सबसे अधिक लड़कियां हैं। प्रेम प्रसंग में फंस कम उम्र में घर त्याग दिया है। कुछ लड़के और लड़कियां माता पिता की फटकार से डर कर भी भागे हैं। उनकी तलाश की जा रही है।