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मुआवजा प्रकरण गड़बड़ी के मामले में भू-माफियाओं पर केस

locationकोरबाPublished: Jan 21, 2022 07:23:13 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar kumar

प्रशासन ने हरदीबाजार-तरदा बाइपास सड़क के लिए ज़मीन अधिग्रहण के मुआवजा प्रकरण में अनियमितता और एक ही भू-खंड को हिस्से में बांटकर बार-बार खरीदी बिक्री करने वाले भू-माफियाओं पर एफआईआर दर्ज करा दिया है।

Dm office korba

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केस कोतवाली थाना में दर्ज किया गया है। लेकिन यह केस अज्ञात लोगों पर दर्ज किया गया है। साजिश और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। कलेक्टर रानू साहू ने कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक को कल पत्र भेजा था। हरदीबाजार-तरदा बाइपास सड़क बनाने के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई थी। भू-माफियाओं द्वारा एक ही जमीन को छोटे छोटे हिस्सो में कई बार बेचने, भूमि अधिग्रहण के मामले में अनियमितता और मुआवजा प्रकरणों में नियमों की अनदेखी की कई शिकायतें कलेक्टर को मिली थी।
शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने इसकी जांच कराई थी। जांच में सामने आया है कि भूमि अधिग्रहण के मामलों में भू-राजस्व संहिता व अधिग्रहण नियमों की भारी अनदेखी की गई है। नियमों के विरुद्ध पांच हजार स्कवायर फ़ीट से कम रकबे का अधिग्रहण दिखाकर बढ़े मुआवजे के प्रकरण स्वीकृत किए गए है। इसके साथ ही ऐसे कई खसरों की भूमि को भी अधिग्रहित किया गया है, जो बाइपास सड़क सीमा में नहीं आती है।

प्रशासन की ओर से बताया गया कि भू- मफ़ियाओं द्वारा अधिग्रहण के नियमों के उल्लंघन और मुआवजा प्रकरण में अनियमितता से शासन को राजस्व हानि पहुंचाने का प्रयास किया गया । पूरे प्रकरण की शिकायत कई बार कलेक्टर व उच्च अधिकारियों से की गई थी जिस पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने जांच कराई थी। कलेक्टर ने दोषी भू-माफियाओं के विरुद्ध एफआईआर करने के लिए पुलिस अधीक्षक को भी निर्देशित किया है।
मुख्य सचिव को भेजी गई थी रिपोर्ट
अधिग्रहण में गड़बड़ी की सूचना पर प्रशासन ने जांच कराई थी। रिपोर्ट मुख्य सचिव को भेजी गई थी। मुख्यालय की ओर से कार्रवाई केलिए जिला प्रशासन को कहा गया था। इस पर स्थानीय स्तर पर कार्रवाई चल रही थी। अब यह कार्रवाई एफआईआर तक पहुंच गई है।
खरीदारों में नेताओं व अफसरों के करीबी
प्रशासन की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी होते ही यह विषय शहर में चर्चा का केन्द्र बना हुआ है। तरदा से हरदीबाजार बाइपास रोड के लिए कई नेताओं और अफसरों के रिश्तेदारों ने जमीन खरीदा है। इस खेल में उप तहसील दीपका और कटघोरा तहसील के कई राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में हैं। अब जब जांच पूरी हो चुकी है प्रशासन निष्कर्ष तक पहुंच चुका है, इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई आखिर क्यों नहीं की जा रही है। आधी-अधूरी कार्रवाई से सवाल उठ रहे हैं।
भू-माफिया कौन? प्रशासन ने नहीं किया है स्पष्ट
प्रशासन की ओर से मीडिया को जारी प्रेस विज्ञप्ति में भू-माफिया पर कार्रवाई की बात कही गई है। लेकिन भू- माफिया कौन है? जमीन खरीदी बिक्री के खेल में कौन-कौन शामिल है? इसे स्पष्ट नहीं किया गया है। एसपी को सौंपे गए रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि कितने लोगों पर कार्रवाई होगी। हालांकि संभावना यह भी जताई जा रही है कि कौन-कौन से भू-माफिया इस काम लगे थे। उनके नाम पुलिसिया जांच के बाद और भी बढ़ सकते हैं।
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