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हाथी प्रभावित केंद्रों का सच: अगर चुनाव में हाथी आया तो वोट दें या भागें, ये तय नहीं

locationकोरबाPublished: Oct 27, 2018 02:50:22 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

हाथी प्रभावित क्षेत्र के मतदान केंद्रों में मतदान वाले दिन यदि गजराज आ गए तो भागने के अलावा कोई भी विकल्प नहीं होगा।

CG Election 2018

CG Polls: Truth of elephant affected centers in Chhattisgarh

राजकुमार शाह/कोरबा. हाथी प्रभावित क्षेत्र के मतदान केंद्रों में मतदान वाले दिन यदि गजराज आ गए तो भागने के अलावा कोई भी विकल्प नहीं होगा। हालांकि चुनाव के पहले कलक्टर ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हाथी प्रभावित मतदान केंद्र में सुरक्षा के विशेष उपाय किए गए हैं। जबकि वन विभाग के अधिकारी यह कह रहे हैं कि ऐसे मतदान केंद्रों को चिह्नित ही नहीं किया गया है।
पत्रिका की टीम ने ग्राउंड जीरो से कुछ ऐसेही मतदान केंद्रों की पड़ताल की। ये वो केंद्र हैं, जहां नियमित अंतराल पर हाथियों का मूवमेंट होता है। मतदाता या ग्रामीण डरे हुए थे। वन विभाग यह कह रहा है कि हाथी से नुकसान नहीं होगा, वोटिंग प्रभावित नहीं होगी इस बात की गारंटी हम लेंगे। पर इस गारंटी को अमलीजामा कैसे पहनाया जाएगा विभाग इस बात को स्पष्ट नहीं कर पा रहा है।
रामपुर विधानसभा के मतदान केंद्र क्रमांक 89 प्राथमिक शाला ढेंगुरडीह में 1100 मतदाता हैं। यहां पदस्थ शिक्षिका किरण ने बताया कि गांव के पास ही अक्सर हाथी विचरण करते हैं। अभी दो दिन पहले स्कूल से एक किलोमीटर की दूरी पर हाथियों को देखा गया था। वहीं वन अधिकारी कहते हैं कि हाथी दिन में गांव की ओर नहीं आते हैं। इसलिए सुरक्षा की तगड़ी तैयारी है।

तो मतदान करने नहीं आएंगे ग्रामीण

यह बात अब एकदम स्पष्ट हो चुकी है। प्रशासन और वन विभाग के पास हाथियों की लोकेशन ट्रेस करने के अलावा और कोई भी स्थायी समाधान नहीं है। जबकि यह बात सर्वविदित है कि जिस क्षेत्र में हाथियों की मूवमेंट शुरू होती है। उस क्षेत्र के ग्रामीण घर में दुबके रहते हैं। दिन के समय भी वह घने जंगल में सड़कों पर चलना मुनासिब नहीं समझते। इन परिस्थतियों में यदि मतदान होता है, तो यह कहना गलत होगा कि ग्रामीण वोट डालने घरों से बाहर निकलेंगे।
खासतौर से रामपुर विधानसभा अब हाथियों का स्थायी रहवास बनने के करीब है। इसके कारण यहां मतदाताओं के साथ मतदान दल और सुरक्षाकर्मियों की सुरक्षा भी अहम प्रश्न खड़े कर रहा है। लेकिन विभाग के पास हाथियों के लोकेशन की निगरानी के अलावा और कोई खास इंतजाम नहीं है। पिछले चार वर्षों के दौरान हाथियों के हमले की संख्या काफी बढ़ी है।

सीधी बात
सवाल : हाथियों के प्रभाव वाले कितने मतदान केंद्र हैं?
जवाब : कोरबा वनमंडल के सभी रेंज में हाथियों का आना जाना लगा रहता है। इसलिए किसी केंद्र को विशेष तौर पर चिह्नांकित नहीं किया गया है। केंद्रों की विस्तृत जानकारी राजस्व विभाग के पास रहती है।
सवाल : हाथी मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच सकें, इसके लिए क्या तैयारी?
जवाब : 24 घंटे हमारी नजर हाथियों पर रहती है। उनकी लोकेशन की जानकारी के साथ ही वो कहां से आए और कहां जाएंगे, इसकी निगरानी की व्यवस्था है। मतदान वाले हाथी किसी तरह का कोई प्रभाव नहीं डालेंगे, इसकी गारंटी हम लेते हैं।
सवाल : हाथियों को खदेडऩे या मतदान दल से दूर रखने के लिए किसी तरह की हुल्ला पार्टी या अन्य विशेष टीम का गठन किया गया है?
जवाब : हाथी दिन के समय कभी भी गांव के करीब नहीं जाते। हमारा जमीनी अमला पूरी तरह से प्रशिक्षित है। इसलिए बाहर से किसी को नहीं बुलाया गया है। प्रत्येक रेंज में हाथी मित्र दल का भी गठन किया गया है।

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