scriptदिवाली में कितना होगा प्रदुषण, तीन मशीनें लगाकर जांचा जाएगा शहर का प्रदूषण स्तर … | Check the pollution level of the city by the Environmental Protection | Patrika News

दिवाली में कितना होगा प्रदुषण, तीन मशीनें लगाकर जांचा जाएगा शहर का प्रदूषण स्तर …

locationकोरबाPublished: Oct 23, 2019 11:41:24 am

Submitted by:

Vasudev Yadav

दीपावली में धुंआ और कानफोड़ू आवाज तोड़ेंगे नियम कायदे, पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा लगाई गई तीन जगह मशीनें

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कोरबा. मंगलवार को पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा शहर में तीन मशीनें लगाकर आबोहवा का स्तर देखा गया। अब दिवाली और उसके बाद का स्तर देखकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। पिछले साल विभाग ने सिर्फ दिवाली से पहले और दिवाली के दिन का स्तर जांचा था। इस बार तीन दिन तक प्रदूषण का स्तर देखा जाएगा।
दिवाली में हर वर्ष नियमों की अनदेखी की जाती है। विभाग द्वारा इस पर लगाम कसने किसी तरह की खास कवायद नहीं की जाती है। मानकों से ज्यादा आवाज वाले पटाखे फूटते हैं और प्रदूषण बढ़ता है। हालांकि मुख्य बाजार स्टेडियम में मानक के अनुरूप ही पटाखों की बिक्री होती है। अन्य स्थानों पर चोरी-छिपे अधिक ध्वनि वाले पटाखे बेच जाते हैं। पिछले कई वर्षो से यही सिलसिला चला आ रहा है। शहर सहित उपनगरीय क्षेत्रों में लाखों रुपए का पटाखा व्यापार होता है। कोरबा पहले ही प्रदूषण के मामले में संवेदनशील है। पटाखों के कारण भी प्रदूषण अधिक होता है। पर्यावरण सरंक्षण मंडल प्रदूषण मापनेे तीन यंत्र लगाया गया है। मंगलवार को दिवाली से पहले शहर का प्रदूषण का हाल देखा गया। अधिकारियों के मुताबिक दिवाली से पहले शहर की हवा और ध्वनि प्रदूषण का स्तर दायरे में था। अब दिवाली के दिन रविवार को फिर से स्तर देखा जाएगा। उसके बाद २९ को फिर से मशीनें लगाकर तीन दिन की रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय भेजी जाएगी।

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पहली बार टीपीनगर की बजाए पुराना बस स्टैंड में लगाई गई मशीन
हर बार विभाग द्वारा टीपीनगर चौक, तहसील कार्यालय व जमनीपाली में मशीनें लगाई जाती है। इस बार विभाग ने टीपीनगर चौक के बजाए पुराना बस स्टैंड स्थित गीतांजलि भवन परिसर में मशीन लगाई गई है। दरअसल टीपीनगर चौक पूरी तरह से कर्मिशियल क्षेत्र होने की वजह से दिवाली के दिन दुकानें बंद रहती है। जबकि पुराना बस स्टैंड के चारों ओर घना रहवासी क्षेत्र है। इसलिए इन क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर अधिक रहता है।

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यह है प्रदूषण का मानक
आरएसपीएम (रेस्पीरबेल सस्पेंड पर्टीकुलर मेटर) के अनुसार वायु प्रदूषण 100 माइाक्रोग्राम प्रति एमक्यू होनी चाहिए। इसी तरह ध्वनि प्रदूषण सुबह छ: से रात दस बजे तक 55 डेसीबल व रात 10 से सुबह छ: बजे 45 डेसीबल होनी चाहिए।

पक्षियों को खतरा
पटाखों से पक्षियों पर भी खतरा मंडरा रहा है। अधिक विषैले धुएं से आसमान में उडऩे वाले पक्षियों को नुकसान पहुंच सकता है। खासकर प्रवासी पक्षियों को इसे खतरा हो सकता है। दीवाली के दौरान लगातार पांच दिन तक रात जमकर पटाखे फोड़े जाते हैं। धुंए व आवाज से इन पक्षियों को खासी परेशानी होती है।

स्टेडियम में पटाखा बाजार लगना शुरू
स्टेडियम में पटाखा बाजार लगना शुरू हो गया है। पटाखा संघ के अध्यक्ष अश्वनी मिश्रा ने बताया कि इस बार 137 से अधिक पटाखा दूकानें लगाएं जा रहे हैं। सुरक्षा की पूरी तैयारी की गई है। इसी तरह बालको, हरदीबाजार, दीपका सहित अन्य क्षेत्र में भी पटाखा बाजार लगाया जा रहा है।

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