सीएमडी ने गोदावरी कोल पैच के अलावा बरकुटा कोल- ओवर बर्डन पैच का निरीक्षण किया। सरफेस माइनर मशीन के कार्यों को देखा। खनन के लिए विकसित किए जा रहे नए पैच के संंबंध में अधिकारियों से जानकारी लिया। सीएमडी ने मशीनों की उपलब्धता तथा उनके उपयोग में वृद्धि किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने इलेट्रिकल एंड मेंटेनेंस टीम से खदान की पानी की निकासी की व्यवस्था के संबंध में जानकारी प्राप्त किया। आवश्यक निर्देश दिया। सीएमडी नारायणी पैच पर भी पहुंचे।
निरीक्षण के बाद सीएमडी ने माइनिंग एवं उत्खनन संवर्ग के अधिकारियों की बैठक ली। लक्ष्य प्राप्ति के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया। डॉ. मिश्रा ने कहा कि
कुसमुंडा परियोजना एसईसीएल की ही नहीं बल्कि कोल इंडिया के मेगा प्रॉजेक्ट्स में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने बताया कि एसईसीएल ने सोमवार को अलग अलग साइडिंग से 47 रैक कोयले का डिस्पेच किया है। इसमें सबसे अधिक कुसमुंडा से 18 रैक कोयला बाहर भेजा गया है।
कंपनी की कमान संभालने के बाद सीएमडी मिश्रा लगातार उत्पादन बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। चालू वित्तीय वर्ष में कोल इंडिया ने एसईसीएल को लगभग १८० मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया है। इस लक्ष्य की पूर्ति गेवरा, दीपका और कुसमुंडा के बिना संभव नहीं है। यही कारण है कि सीएमडी लगातार मेगा प्रोजेक्ट पर नजर जमाए हुए हैं।