मिशन 2020 की तैयारी में कोल इंडिया
कोल इडिया मिशन 2020 पर कार्य कर रहा है। इस अवधि में कोयले का उत्पादन एक बिलियन टन करना है। गेवरा, दीपका और कुसमुंडा खदान का विस्तार इस नीति का हिस्सा है। आने वाले दिनों में मानिकपुर कोयला खदान के लिए भी जनसुनवाई होनी है। मानिकपुर से कोयले का उत्पादन का 3.50 मिलियन टन से बढ़ाकर 5.25 मिलियन टन करना है। कुसमुंडा खदान के विस्तार की भी तैयारी की जा रही है।
160 मिलियन लक्ष्य
कोल इंडिया ने चालू वित्तीय वर्ष में एसईसीएल को 160 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में कंपनी ने करीब 140 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया था। कोरबा जिले में एसईसीएल की तीन बड़ी ओपेन कॉस्ट कोल माइंस है। इसमें गेवरा, दीपका और कुसमुंडा शामिल है। इसके अलावा कोरबा जिले में एसईसीएल की आठ अंडर ग्राउंड कोयला खदाने हैं।
पिछले साल 85 मि. टन उत्पादन
पिछले साल गेवरा, दीपका और कुसमुंडा खदान से 85.48 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हुआ था। इसमें गेवरा से 36.65, दीपका से 28.44 और कुसमुंडा से 20.39 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया गया था।
गेवरा 41 मिलियन टन
वर्तमान में गेवरा खदान से 41 मिलियन टन कोयले का वार्षिक उत्पादन किया जाता है। दीपका खदान से 31 मिलियन टन कोयले का वार्षिक उत्पादन होता है। लक्ष्य बढऩे के बाद चालू वित्तीय वर्ष में 12 मिलियन टन कोयले का उत्पादन अधिक करना होगा।