scriptडीएमएफ के पूर्व नोडल अधिकारी दुबे के खिलाफ ईओडब्लू में शिकायत, बयान हुआ दर्ज | Complaint against former nodal officer of DMF | Patrika News

डीएमएफ के पूर्व नोडल अधिकारी दुबे के खिलाफ ईओडब्लू में शिकायत, बयान हुआ दर्ज

locationकोरबाPublished: May 21, 2019 09:04:17 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

पाली महोत्सव में सीएम से दुबे के खिलाफ जांच के लिए की गई मांग, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अजय जायसवाल का रायपुर में हुआ बयान

पाली महोत्सव में सीएम से दुबे के खिलाफ जांच के लिए की गई मांग, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अजय जायसवाल का रायपुर में हुआ बयान

डीएमएफ के पूर्व नोडल अधिकारी दुबे के खिलाफ ईओडब्लू में शिकायत, बयान हुआ दर्ज

कोरबा. जिले के डीएमएफ के पूर्व नोडल अधिकारी दुबे के खिलाफ शिकायत ईओडब्लू तक पहुंच गई है। शिकायतकर्ता का बयान ईओडब्लू ने दर्ज कर लिया है। पाली महोत्सव कार्यक्रम में सीएम से इस कार्रवाई की मांग जिला पंचायत उपाध्यक्ष अजय जायसवाल ने की थी।
जिला खनिज न्यास का जब गठन हुआ था तब तत्कालिक कलेक्टर पी दयानंद ने आदिवासी विकास विभाग के तत्कालिक सहायक आयुक्त एस के दुबे को डीएमएफ का नोडल अधिकारी बनाया गया था। लगभग सवा दो साल तक दुबे इसके प्रभार में रहे थे। इस दौरान कई कार्यों को लेकर सवाल उठे थे। लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं हो सकी थी। कांग्रेस सरकार आने के बाद अब इन मामलों पर जांच के लिए तलवार लटकने लगी है। पाली महोत्सव के दौरान सीएम भूपेश बद्येल पहुंचे थे। जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने शिकायत की थी कि तत्कालिक नोडल अधिकारी ने अपने विभाग के साथ-साथ दूसरे विभागों में कई निर्माण कार्य फिजुलखर्च कराया गया था। टेंडर नियमों का पालन नहीं किया गया था। भाजपा नेताओं व अपने करीबी लोगों को काम दिया गया था। इस मामले को सीएम ने ईओडब्लू को अग्रेषित किया था। ईओडब्लू ने सोमवार को जिला पंचायत उपाध्यक्ष अजय जायसवाल का बयान दर्ज किया है।

ये मामले जिनके जवाब आज अधिकारियों ने नहीं दिया
०१. पूर्व सीएम के आगमन मेंं ८० हजार का बैलून, ८ लाख की डाक्यूमेंट्री व फोटो एल्बम किस नियम के तहत बनाए गए।
०२. सवा सौ करोड़ का एजुकेशन हब का निर्माण की जब जरूरत नहीं थी तब आखिर क्यों बनाया गया।
०३. ५ करोड़ की लागत से ३४ सब हेल्थ सेंटर बनाए गए जबकि स्वास्थय विभाग ने कभी भी निर्माण के लिए आवेदन नहीं किया, हर सेंटर में लगे हैं ताले।
०४. हर गांव का प्लान बनाने के लिए दो कंपनियों से अनुबंध, एक गांव के पीछे सवा- सवा लाख खर्च क्यों किया जबकि इसकी जरूरत नहीं थी।
०५. जितना का नया हॉस्टल नहीं बन जाता है उतने का तो पुराने हॉस्टलों में मरम्मत के नाम पर खर्च किया गया।
०६. डीएमएफ के किस गाइडलाइन के मुताबिक अधिकारियों ने अपने लिए ८ लाख की फॉल सिलिंग, २५ लाख का दफ्तर और फुटपाथ बनाया।
०७. हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के २० लाख का टूथपेस्ट, कंघी व तेल बांटा गया।
०८. संभव नहीं था तब भी ६०० फीट तक बोर किए गए वह भी एक जगह नहीं १०० जगह।
०९. बुका में कौशल विकास के नाम पर कमरे बनाने के नाम पर अफसरों ने बनाया आलीशान रिसार्ट।

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