2013 और 2018 में पड़े वोटों पर नजर
2013 में कोरबा से जयसिह अग्रवाल को 72386 वोट मिले थे। इस बार जयसिंह अग्रवाल दो हजार वोट कम मिलने के बाद भी बेहतर लीड से जीतने में कामयाब रहे। इसी तरह पिछली बार ननकीराम कंवर 57953 वोट मिले थे। 2013 की तुलना में 8 हजार अधिक वोट मिले। लखनलाल देवांगन को पिछली बार 61646 वोट पाकर जीते थे। इस बार लखन के वोटों में 13930 वोट कम मिले। उइके को 37 हजार कम वोट मिले।
पिछली बार से नोटा पर कम वोट पड़े
चारों ही विधानसभा में नोटा पर कम वोट पड़े। पिछली बार रामपुर विधानसभा में 5881 वोट पड़े थे। कोरबा में 3873 वोट, कटघोरा विधानसभा में 3424 वोट और पाली तानाखार में सबसे अधिक 7059 वोट पड़े थे। लेकिन इस बार 4609 वोट रामपुर में, कोरबा में 1014 वोट, कटघोरा में 2867 वोट नोटा पर पड़े। पाली तानाखार में 4609 वोट नोटा पर पड़े। पिछली बार से कम वोट नोटा पर पड़े।
हार देख खिसकने लगे थे भाजपाई
सुबह जब साढ़े 10 बजे के बाद पहला रुझान आना शुरू हुआ तो तीन विधानसभा में बीजेपी पिछड़ती चली गई। दोपहर लगभग दो बजे के बाद जब बीजेपी इन तीनों में 5 हजार से पीछे होते चली गई। इसके बाद से भाजपाई समर्थक लखनलाल देवांगन, विकास महतो अपने समर्थकोंं के साथ मतगणना स्थल से बाहर निकल गए।
जकांछ ने सिर्फ वोट काटे
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जिले की तीनों ही विधानसभा में सिर्फ वोट काटने तक ही सीमित रही। अब तक अमसंजस की स्थिति थी कि आखिर वोट किसके कटेंगे। लेकिन परिणाम से स्पष्ट है कि कटघोरा में भाजपा तो कोरबा में भी भाजपा व रामपुर विधानसभा में जकांछ ने दोनों के वोट काटे। लेकिन अधिक वोट कांग्रेस के कटे।
निर्दलीय नहीं कर सके कुछ भी खास
चारों ही विधानसभा में निर्दलीय कुछ खास नहींं कर सके। कोरबा चार प्रत्याशियों पर सबकी नजर थी। कोरबा में विशाल केलकर को 4859 वोट, आप के अनूप अग्रवाल को सिर्फ 632, पार्षद अमरनाथ अग्रवाल को भी 573 वोट ही मिल सके।