scriptखुशखबर : कोल इंडिया में ठेका श्रमिकों की मजदूरी बढ़ी, अकुशल को 787 रुपए और कुशल व उच्च कुशल को मिलेगी ये राशि | Contract labor wages increased in Coal India | Patrika News

खुशखबर : कोल इंडिया में ठेका श्रमिकों की मजदूरी बढ़ी, अकुशल को 787 रुपए और कुशल व उच्च कुशल को मिलेगी ये राशि

locationकोरबाPublished: Sep 06, 2018 11:32:03 am

Submitted by:

Shiv Singh

– संयुक्त समिति की बैठक में बनी सहमति

खुशखबर : कोल इंडिया में ठेका श्रमिकों की मजदूरी बढ़ी, अकुशल को 787 रुपए और कुशल व उच्च कुशल को मिलेगी ये राशि

खुशखबर : कोल इंडिया में ठेका श्रमिकों की मजदूरी बढ़ी, अकुशल को 787 रुपए और कुशल व उच्च कुशल को मिलेगी ये राशि

कोरबा. कोल इंडिया के अधीन ठेके पर नियोजित कामगारों की मजदूरी में बढ़ोत्तरी करने पर सहमति बन गई है। अकुशल कर्मचारियों को प्रतिदिन ७८७ रुपए की मजदूरी मिलेगी। उच्च कुशल श्रमिकों को कंपनी की ओर से न्यूनतम डेली वेज का भुगतान ८७७ रुपए की दर से होगा।
ठेका मजदूरों के वेतन बढ़ोत्तरी पर चर्चा के लिए मंगलवार को दिल्ली में कोल इंडिया की श्रमिक नेताओं के साथ बैठक हुई। इसमें ठेका मजदूरी बढ़ाने पर सहमति बनी। अकुशल ठेका कामगारों को ७८७ रुपए, अद्र्ध कुशल को ८१७ रुपए, कुशल को ८४७ रुपए और उच्च कुशल को ८७७ रुपए की दर से मजदूरी भुगतान करने पर सहमति बनी। बढ़ी हुई दरे चार सिंतबर से लागू होगी। प्रबंधन के प्रस्ताव पर यूनियन ने सहमति व्यक्त करते हुए हस्ताक्षर कर दिया है।
यह भी पढ़ें
शिक्षक दिवस पर विशेष : शिक्षकों की मेहनत से इस सरकारी स्कूल में लगती हैं डिजिटल कक्षाएं

न्यूनतम मजदूरी के अलावा कामगारों को वीडीए और एसडीए का लाभ भी मिलेगा। बैठक में कोल इंडिया के कार्मिक प्रबंधक, ईसीएल के सीएमडी, कोल इंडिया के डायरेक्टर फाइनेंस, एसईसीएल और वीसीसीएल के कार्मिक प्रबंधक उपस्थित थे। यूनियन की ओर से हिन्द मजदूर सभा के नाथूलाल पांडे, एटक के रमेन्द्र कुमार, सीटू से मिथलेश कुमार सिंह और भारतीय मजदूर संघ की ओर से ए श्रीनिवास राव शामिल हुए।

फैसले का लाभ मजदूरों तक पहुंचाना चुनौती
कोल इंडिया ने ठेका कामगारों के न्यूनतम डेली वेज में बढ़ोत्तरी कर दी है। लेकिन इसे इमानदारी से लागू करना प्रबंधन के लिए बड़ी चुनौती है। एसईसीएल में ठेके पर मजदूरी करने वाले कर्मचारियों का हाल किसी से छिपा नहीं है। ठेकेदार तय मजदूरी की दर से राशि का भुगतान नहीं करते हैं। हक मांगने पर मजदूरों को काम से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। कामगारों की स्थिति से सभी यूनियन भी वाकिफ हैं। सीटू के कोरबा महासचिव वीएम मनोहर ने बताया कि फैसले को लागू करने के लिए प्रबंधन पर दवाब बनाया जाएगा। ठेका मजदूरों की उपस्थिति बॉयोमेेट्रिक्स से दर्ज करने के लिए दबाव बनाया जाएगा। ताकि वेतन भुगतान में पादर्शिता आए।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो