घर के कामकाज के बाद कोरोना को हराने तैयार हो जाती हैं ये कर्मवीर, थाम लेतीं हैं सिलाई मशीन, बनाती हैं मास्क लॉकडाउन के बाद स्वास्थ्यकर्मियों एवं पुलिसकर्मियों के साथ ही समुदाय के ऐसे स्वयंसेवकों के लिए मास्क तथा अन्य व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की बड़ी संख्या में आपूर्ति की जरूरत महसूस की गई जो समुदाय में जाकर जरूरतमंदों की मदद कर रहे थे। ऐसे में बालको प्रबंधन ने ‘उन्नति परियोजना’ के अंतर्गत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों को 12500 मास्क, 405 गाउन और 410 कैप सिलने का ऑर्डर दिया। यंू तो सिलाई-कढ़ाई सीख लेने के बाद हुनरमंद महिलाएं पड़ोस के लोगों के कपड़े सिलकर अपनी आजीविका अर्जित कर लेती थीं परंतु कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण पहली बार ऐसा हुआ कि उन्हें एक साथ इतनी बड़ी संख्या में व्यक्तिगत सुरक्षा सामग्रियां सिलने का अवसर मिला। महिलाओं ने इस चुनौती को आगे बढ़कर स्वीकार किया और जल्दी से जल्दी बालको का ऑर्डर पूरा करने में जुट गईं। शासन द्वारा जारी सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता के नियमों का पालन करते हुए समूहों की 51 महिलाओं ने लगभग 20 दिनों में बालको का ऑर्डर पूरा कर दिया है। ये सभी स्वयं सहायता समूह बालकोनगर के परसाभाठा, दहियानपारा, नेहरूनगर, भदरापारा और बेलगिरी नाला क्षेत्र में कार्यरत हैं।
डेढ़ माह से परिवार से नहीं मिला ये कोरोना वारियर्स, फोन पर बात करते ही भावुक हो जाते हैं बच्चे, कहते हैं घर जल्दी आओ ना पापा… व्यक्तिगत सुरक्षा सामग्रियों की सिलाई का ऑर्डर पूरा करने में योगदान देने वाली ओम सांई महिला स्वयं सहायता समूह की सुरजा, लक्ष्मिन समूह की रीना चंद्रा व सुरजू मनवार, सांई कृपा समूह की सावित्री, सिद्धी विनायक समूह की रानी श्रीवास, तेजस्वी समूह की कार्तिक मंझवार व रश्मि सिंह सहित अनेक महिलाओं ने बताया कि कोरोना वाइरस के कारण हुए लॉकडाउन ने अल्प आय अर्जित करने वाले परिवारों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा कर दिया है।
ऐसे में बालको की ओर से मिला सिलाई का बड़ा ऑर्डर उनके परिवारों के लिए बड़ी राहत तो है ही साथ ही इस कोरोना की लड़ाई में अपना योगदान देने का भी अवसर मिला। महिलाओं ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि उन्हें स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों सहित उन अनेक नागरिकों को सुरक्षित बनाए रखने का अप्रत्यक्ष रूप से अवसर मिला जो कोरोना की रोकथाम और जागरूकता की दिशा में काम कर रहे हैं। कोविड के खिलाफ लड़ाई में योगदान का अवसर देने के लिए महिलाओं ने बालको प्रबंधन के प्रति आभार जताया है।