बैठक के दूसरे दिन अखिल भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ से संबद्ध २७ यूनियन के पदाधिकारियों ने अपनी बातें रखी। कोयला उद्योग में काम करने वाले ठेका मजदूरों की स्थिति से अवगत कराया। अधिकांश यूनियन नेताओं ने कहा कि कोयला खदान में ठेका मजदूर शोषण का शिकार है।
कोल इंडिया की हाई पॉवर कमेटी द्वारा निर्धारित वेज का भुगतान मजदूरों को केवल कागजों मेें किया जा रहा है। सच्चाई इसके विपरीत है। खदान में काम करने वाले मजदूरों को निर्धारित वेज से कम भुगतान ठेकेदार करता है। ठेका मजदूरों से काटी जाने वाली राशि कोयला खान भविष्य निधि में जमा नहीं करता है। ठेका मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ नहीं मिल रहा है। यूनियन की ओर से बताया गया कि ठेका मजदूरों के शोषण की जानकारी कोयला खान प्रबंधन को भी है। लेकिन ठेकेदारों के आगे अफसर ने चुप्पी साध ली है। ठेकेदार और अफसरों के गठजोड़ को तोडऩे पर चर्चा की गई।