Corona effect: कोरोना को लेकर लॉकडाउन, उद्योग मालिक के साथ ही प्लांट में काम करने वाले कर्मचारी परेशान, उद्योगों को चालू करने उद्योग संघ लगाने जा रही गुहार
लॉकडाउन ने तोड़ी छोटे उद्योग मालिकों की कमर, 60 से 70 उद्योग एक माह से बंद, करोड़ों का घाटा
कोरबा. कोरोना के संक्रमण को रोकने शहर में लॉकडाउन है। खरमोरा स्थित इंडस्ट्रियल एरिया के 60 से 70 उद्योगों में पिछले लगभग एक महीने से ताला लगा हुआ है। पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि उद्योग इतने लंबे समय तक बंद रहे। उद्योग मालिकों के साथ-साथ इन प्लांटों में काम करने वाले सैकड़ों वर्कर इन दिनों खासे परेशान है। रेड जोन होने की वजह से उद्योग शुरु नहीं हो पा रहे है। इधर एसोसिएशन सरकार से गुहार लगाने जा रही है।
गौरतलब है कि इंडस्ट्रियल एरिया में संचालित ये उद्योग पहले से ही घाटे की मार झेल रहे हैं। मंहगाई और जीएसटी लागू होने के बाद कई उद्योग पहले से मंदी के दौर में है। किसी तरह जान फूंककर उद्योग चला रहे हैं लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद से इनकी परेशानी और भी बढ़ गई है। कहीं कच्चे माल का आर्डर रुका हुआ है तो कुछ जगह समान की आपूर्ति बड़े प्लांटों को नहीं की जा पा रही है। 30 दिन से अधिक लॉकडाउन होने के बाद मानों इन प्लांटों की कमर ही टूट गई है।
उद्योग प्रबंधनों का कहना है कि जितनी भी जल्दी उद्योग शुरु होंगे उतनी ही जल्दी इस घाटे से उबर पाएंगे। सबको उम्मीद थी 20 अप्रैल से उद्योग शुरु हो जाएंगे, लेकिन कोरबा जिला प्रदेश में इकलौता रेड जोन में है। इस वजह से जिले के छोटे उद्योगों को शुरु करने के निर्देश नहीं दिए जा रहे हैं। ऐसे में उद्योग संघ अब सरकार से इस मामले में गुहार लगाने जा रहा है ताकि उद्योग जल्द से जल्द शुरु हो सकें।
कोरबा में खतरा कम क्यों इस तरह समझिए 01. कोरबा शहर में कोरोना का पहला मामला आया था। जो कि ठीक होकर वापस घर भी लौट आया है। सुखद पहलू यह रहा कि युवक के संपर्क में आए एक भी लोग संक्रमित नहीं हुए। सोमवार को एरिया की बैरिकेटिंग हटा ली गई है। इसलिए कोरबा शहर मेंं कोरोना को लेकर किसी तरह का खतरा नहीं है।
02. कोरोना हॉटस्पॉट कटघोरा की इंडस्ट्रियल एरिया की दूरी 35 किमी से ज्यादा है। सीमा पहले से ही सील है। संक्रमित क्षेत्र से कोई भी कोरबा शहर नहीं आएगा। ऐसी स्थिति में खतरा कम है। इस बीच अगर उद्योग शुरु किए जाते हैं तो परेशानी नहीं आएगी।
बड़े उद्योग नजदीक, छोटे उद्योगों की दूरी अधिक, फिर भी बंद जिले के निजी व सार्वजनिक उपक्रम के जितने भी संयंत्र हैं उसकी दूरी कटघोरा से पास है। उसके बाद भी अब तक किसी तरह की संक्रमण की गुंजाइश सामने नहीं आई है। इधर खरमोरा के उद्योगों की दूरी अधिक है ऐसे में उद्योगपतियों की मांग है कि जब बड़े उद्योग चल सकते हैं तो छोटे उद्योगों को भी शुरु करना चाहिए।
राजस्व मंत्री आज सीएम से कर सकते हैं मांग उद्योग संघ ने राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल से इस संदर्भ मेें मांग की है। संघ के अध्यक्ष श्रीकांत बुधिया ने सभी पहलुओं पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है। बताया जा रहा है कि आज राजस्व मंत्री इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात कर छोटे उद्योगों को शुरु करने की मांग कर सकते हैं।
– रेड जोन होने की वजह से छोटे उद्योग शुरु नहीं हो पा रहे हैं। बड़े उद्योग संचालित हो रहे हैं। हम भी सारी सावधानियां बरतते हुए उद्योग शुरु करना चाहते हैं। राजस्व मंत्री से हमनें उद्योग शुरु करने की मांग की है। श्रीकांत बुधिया, अध्यक्ष, उद्योग संघ