साकेत भवन परिसर स्थित लॉन में पार्षदों ने नारेबाजी कर अपने-अपने वार्डों मेें किए गए भेदभाव व विभिन्न प्रकार के विकास कार्योँ में गड़बड़ी का आरोप लगाया। दोपहर बाद सभी विपक्षी पार्षद साकेत परिसर में घुसे। हालांकि इस दौरान पुलिस कर्मियों से थोड़ी नोकझोंक भी हुई। जहां सभागार के सामने फर्श पर बैठकर पार्षदों ने नगाड़ा बजाया। आयुक्त की अनुपस्थिति में अधीक्षण अभियंता भागीरथ वर्मा ने पार्षदों का ज्ञापन लिया। इस ज्ञापन में पार्षदों ने 9 बिंदुओं में अपनी समस्या बताई है। इसके बाद पार्षद एक साथ कलेक्टोरेट पहुंच कर कलेक्टर से समस्या व निगम के सभापति धुरपाल सिंह कंवर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए ज्ञापन सौंपा गया।
अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी
निगम में विपक्ष ,कांग्रेस की क्रास वोटिंग की उम्मीद में अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। विपक्ष के पास सिर्फ 31 वोट ही है। अविश्वास प्रस्ताव के लिए 44 पार्षदों के मत चाहिए। बीजेपी पार्षदों को उम्मीद है कि 13 कांग्रेसी पार्षदों के मत क्रास पड़ सकते हैं।
इन मांगों को लेकर कर रहे आंदोलन
-विकास कार्यों में भेदभाव व सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के वार्डों के साथ सौतेला व्यवहार।– टेंडर होने के बाद वर्क आर्डर जारी नहीं किया जाता हैै।
– फंड नहीं होने की बात कहकर मूलभूत काम नहीं कराया जा रहा, जबकि करोड़ों के डामर अनुपयोगी जगहों पर उपयोग हो रहा है।
– अनुपयोगी सौंद्रयीकरण के नाम पर करोड़ों रूपयों की बंदरबांट की जा रही है।
– पूरे कोरबा निगम का कांग्रेसीकरण किया जा रहा है, लोकार्पण व अन्य कार्य में उनके ही पदाधिकारी शामिल होते हैं।
– सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में जानबूझकर देरी की जा रही है।
– इंदिरा स्टेडियम में कोई भी राष्ट्रीय खेल सहित अन्य गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है।
– निगम में राशन कार्ड, पेंशन, तीर्थयात्रा सहित अन्य के हितग्राहियों को पैसे देने पड़ रहे हैं।
ाविपक्षी पार्षदों के वार्ड में कामकाज में भी कांग्रेसी नेताओं की दखलअंदाजी रहती है।