कोरबा. रूक रूक कर हो रही बारिश के असर से कोयला उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। सामान्य दिनों की तुलना में उत्पादन 50 फीसदी तक कम हो गया है। इससे स्थानीय प्रबंधन पर उत्पादन का दबाव बढ़ रहा है। हालांकि प्रबंधन को उम्मीद है कि बारिश के बाद स्थिति में सुधार होगी।
बारिश से एसईसीएल की मेगा प्रोजेक्ट गेवरा से कोयला उत्पादन में भारी गिरावट आई है। प्रतिदिन औसत 48 से 55 हजार टन कोयला खनन किया जा रहा है। जबकि सामान्य दिनों में 80 हजार से एक लाख टन कोयला खनन किया जाता है। गेवरा के साथ दीपका प्रोजेक्ट से भी उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। दीपका से बड़ी मुश्किल औसत 28 हजार से 30 हजार टन कोयला खनन किया जा रहा है। लक्ष्य तक पहुंचने के लिए दीपका को प्रतिदिन औसत डेढ़ लाख टन कोयला खनन करना है। उत्पादन में गिरावट कुसमुंडा खदान क्षेत्र में भी आई है। यहां से औसत 42 से 50 हजार टन खनन हो रहा है। प्रबंधन की ओर बताया जा रहा है कि अगस्त और सितंबर के महीने में काफी अधिक बारिश हुई है। इससे कोयला खनन में समस्या खड़ी हो रही है। बारिश में मिट्टी गिली होने से ओवर बडन का काम भी प्रभावित हुआ है। लक्ष्य के अनुसार खदान से मिट्टी का उठाव भी नहीं हो रहा है। इससे खदान की सतह पर उठाव के लिए कोयले की कमी पडऩे लगी है। कोयला खदाने भूमि अधिग्रहण की समस्या से भी जूझ रही हैं। इसका भी असर उत्पादन पर पड़ रहा है।