सर्वदलीय विकास समिति ने मंगलवार की बैठक में आक्रामक निर्णय लिया। पहले तो रेलवे जीएम और डीआरएम का पुतला फूंका था। इसके बाद कमेटी ने आमराय से बुधवार की सुबह कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया। इस ज्ञापन में अब कलेक्टर को दो दिन के भीतर जनता के पक्ष में निर्णय करवाने का समय दिया जाएगा। बात नहीं बनी तो 27 अपै्रल को मालगाड़ी को रोकने की रणनीति बनाई गई है।
योजना के तहत ही बुधवार को समिति ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। इसमें उल्लेख किया गया है कि रेल मंडल से आग्रह किया गया था कि 15 अपै्रल से 31 मई के मध्य बंद की ट्रेनों का परिचालन पुन: प्रारंभ किया जाए। लेकिन रेल प्रबंधन द्वारा इसमें उदासीनता बरती गई। 24 अपै्रल को समिति द्वारा रेल चक्काजाम का निर्णय लिया गया है। इस लिए 27 अपै्रल को प्रात: 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक फ्लाई ओवर ब्रिज के नीचे मुख्य मार्ग पर रेल रोका जाएगा। किसी तरह की व्यवस्था बिगडऩे पर जवाबदेही रेल प्रबंधन की होगी।
्रइसके बाद समिति द्वारा एसपी को भी ज्ञापन सौंपा गया है कि जिसमें उल्लेख है कि रेलवे के अफसरों ने शासकीय पद का दुरूपयोग करते हुए न केवल जनता को धोखा देकर अपराध किया है। बल्कि हाल ही में सांसद से मिलकर उनके जैसे महत्वपूर्ण जनप्रतिनिधि को भी गुमराह किया है। इसलिए अफसरों पर एफआईआर दर्ज किया जाना चाहिए।
पूरी तरह से रोकेंगे मालगाड़ी
बैठक में सभी की सहमति से निर्णय लिया गया कि बुधवार को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर दो दिनों का समय दिया जाएगा। ताकि प्रशासन को भी अपने स्तर पर कार्यवाही करने का पर्याप्त समय मिल सके। इन दो दिनों में भी जनता से जुड़ी रेल सुविधाओं का पुन: शुरू नहीं किया गया तो 27 अपै्रल को जिले ट्रेन के जरिए होने वाले कोयले का परिवहन पूरी तरह से रोक दिया जाएगा।