ट्रामा सेंटर को छोड़कर कोरबा शहर की पांच अस्पतालों में 14 डायलिसिस मशीनें (Dialysis machines) उपलब्ध हैं। जिले में अभी तक किडनी के 52 मरीज चिन्हांकित हैं जिन्हें हर हफ्ते या हफ्ते में दो बार डायलिसिस की आवश्यकता होती है। इस हिसाब से जिले के किडनी मरीजों की डायलिसिस के लिए पर्याप्त मशीनें उपलब्ध हैं। किडनी रोग से पीडि़त मरीज लायंस क्लब डायलिसिस सेंटर लालूराम कालोनी, जेपी सर्जिकल कोसाबाड़ी, न्यू कोरबा हास्पिटल कोसाबाड़ी, अक्षय हास्पिटल गरिमा मेडिकल के पीछे निहारिका और मुड़ापार स्थित एसईसीएल अस्पताल में डायलिसिस करा सकेंगे।
भोपाल से कोरबा के लिए निकली पांच लड़कियों को पुलिस ने 12 घंटे तक कवर्धा बॉर्डर पर रोका एसईसीएल अस्पताल (SECL Hospital) में ऐसे मरीज जो एसईसीएल से सेवानिवृत्त हुए हैं, का ही डायलिसिस किया जाएगा। अन्य चार अस्पतालों में किडनी रोग के सभी मरीजों की डायलिसिस होगी। इन अस्पतालों में मरीजों को केवल डायलिसिस कराने के लिए डा.खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना, आयुष्मान कार्ड और ईएसआईसी के तहत दी जाने वाली सुविधाएं भी मिलेंगी। डायलिसिस कराने के पहले मरीजों के किए जाने वाले हैपेटाईटिस ए, बी और सी, वायरल मार्कर तथा एचआईवी टेस्ट जिला अस्पताल में नि:शुल्क किए जाएंगे। डायलिसिस कराने वाले मरीजों का जरूरत पडऩे पर एलिसा टेस्ट भी जिला अस्पताल में नि:शुल्क किया जाएगा।
लालूराम कालोनी स्थित लायंस क्लब डायलिसिस सेंटर में पांच मशीनों, कोसाबाड़ी के जेपी सर्जिकल में एक मशीन, न्यू कोरबा हास्पिटल में पांच मशीनों, निहारिका के अक्षय हास्पिटल में दो मशीनों और मुड़ापार के एसईसीएल अस्पताल की एक मशीन पर किडनी मरीज डायलिसिस करा सकेंगे। इसके लिए मरीजों को पहले से ही अस्पतालों में संपर्क कर समय आरक्षित कराना होगा। डायलिसिस कराने के पहले हैपेटाईटिस, वायरल मार्कर और एचआईवी के टेस्ट जिला अस्पताल में कराने होंगे। टेस्ट रिपोर्ट लेकर निर्धारित समय पर अस्पताल पहुंचकर मरीज डायलिसिस करा सकेंगे।