डीएमएफ समिति की बैठक फरवरी 2016 में हुई थी। इस बैठक में कहा गया कि पाली नगर पंचायत के 15 वार्डों में हर साल गर्मी में पेयजल की दिक्कत आती है। वर्तमान में बोर से पानी ओवरहेड टंकियों में पानी भरता है फिर वहां से वार्डों तक सप्लाई की जाती है। लेकिन गर्मी के दिनों में जलस्तर कम होने की वजह से पानी की किल्लत होती थी। लिहाजा इन परेशानियेां को देखते हुए पाली नगर पंचायत के वार्डों में नाले के पानी को ट्रीटमेंट कर सप्लाई करने की प्लानिंग की गई।
डीएमएफ की समिति ने पाली के लिए 4 करोड़ 28 लाख रुपए स्वीकृत कर दिया। दावा कर दिया गया कि इस योजना से पूरे नगर की पेयजल समस्या दूर हो जाएगी। लेकिन असलियत ये थी कि इस राशि से सिर्फ एनीकट ही प्रस्तावित था। सिंचाई विभाग 9 माह पूर्व ही मुनगाडीह एनीकट का निर्माण पूरा कर चुका है। तब से ये एनीकट सफेद हाथी की तरह शो पीस बना हुआ है। अधिकारियों ने करोड़ो रूपए इस अधूरे प्लानिंग पर ही खर्च कर दिया। वार्डों तक पानी ही नहीं पहुंचा।
सैला में पहले से जलाशय, वहां से हो सकती थी आपूर्ति
पाली नगर पंचायत से तीन किमी दूर पहले से ही सैला जलाशय बना हुआ है। जहां मुनगाडीह नाले के मुकाबले अधिक पानी साल भर रहता है। स्थानीय लोगों की मानें तो जितना खर्च एनीकट बनाने में किया गया उतने में तो सैला से लेकर वार्ड तक पाइपलाइन, जलशोधन संयंत्र से लेकर पूरा काम हो सकता था। लेकिन अधिकारियों ने इस काम की बजाएं एनीकट निर्माण को प्राथमिकता दी।
साल भर में हुआ जर्जर
एनीकट निर्माण को अभी महज एक साल ही हुआ है। लेकिन अभी से इसकी गुणवत्ता की पोल खुलने लगी है। एनीकट की साइड वॉल में सीमेंट की परत बह चुकी है। वहीं कई जगह से रॉड बाहर आने लगे हैं।
अब नगर पंचायत को टेंशन, एनीकट से कैसे लाएं पानी, फंड ही नहीं
अब नगर पंचायत की टेंशन बढ़ गई है। दरअसल डीएमएफ से ये कार्य स्वीकृत होने के बाद नगर पंचायत पाली ने अपनी पेयजल योजना को ठंडे बस्ते मेें डाल दिया था। उस समय नगर पंचायत को यही कहा गया था कि नगर तक पानी पहुंचाने का हिस्सा भी इस योजना में होगा। लेकिन अब काम नहीं होने से नगर पंचायत की टेंशन बढ़ गई है कि एनीकट से वार्डों तक पानी कैसे लाया जाएं। दरअसल विभाग के पास फंड ही नहीं है।
-एनीकट का निर्माण काफी पहले पूरा हो चुका है। एनीकट से नगर के वार्डों तक पानी लाने की पूरी जिम्मेदारी भी संबंधित विभाग की ही थी। आगे का काम क्यों नहीं किया यह तो वही बता पाएंगे।
-मनीष पात्रे, सीएमओ, नपं पाली