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डॉग्स बर्थ कंट्रोल की फाइल एक दफ्तर से दूसरे में घूम रही, इधर हर दिन लोग हो रहे शिकार

locationकोरबाPublished: Mar 04, 2020 07:30:27 pm

Submitted by:

Deepak Gupta

पिछले कई माह से आवारा कुत्तों की नसबंदी व टीकाकरण करने शुरु की गई थी तैयारी, कंपनी से अनुबंध के बाद अब तक शुरु हो जाना था काम

डॉग्स बर्थ कंट्रोल की फाइल एक दफ्तर से दूसरे में घूम रही, इधर हर दिन लोग हो रहे शिकार

डॉग्स बर्थ कंट्रोल की फाइल एक दफ्तर से दूसरे में घूम रही, इधर हर दिन लोग हो रहे शिकार

कोरबा. डॉग्स बर्थ कंट्रोल की फाइल एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर में घूम रही है। कंपनी से अनुबंध के बाद अब तक काम शुरु हो जाना था, लेकिन अधिकारियों के लेटलतिफी की वजह से इस पर देरी हो रही है। इधर हर दिन लोग डॉग बाइट के शिकार हो रहे हैं।
शहर में हर दिन औसतन पांच लोग डॉग बाइट के शिकार हो रहे हैं। शहर में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है, साथ ही हिंसक भी होते जा रहे हैं। पिछली बार पैसा नहीं मिलने की वजह से तीन महीने में ही कंपनी काम छोडक़र भाग गई थी। तब से काम पूरी तरह से ठप्प पड़ी हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार हर दिन चार से पांच लोग डॉग बाइट के शिकार हो रहे हैं। दरअसल कोरबा शहर में पिछले कुछ महीनों में तेजी से आवारा कुत्तों की संख्या में इजाफा हुआ है। कुत्तों के काटने से बीमारी का खतरा भी बना रहता है। दरअसल नगर निगम ने इस खतरे को कम करने के लिए आवारा कुत्तों का टीकाकरण व नसबंदी शुरू कराया किया था। जिससे कुत्तों की संख्या में कमी आएं साथ ही किसी को काट भी दें तो उससे किसी बीमारी ना हो। लेकिन यह काम महज तीन माह ही चल सका। इस बीच शहर के १६ सौ आवारा कुत्तों की नसबंदी व टीकाकरण किया गया था। लेकिन इसके बाद से भुगतान नहीं होने से कंपनी ने काम बंद कर दिया। इसके बाद फिर से आवारा कुत्तों की फौज को बढऩे से रोकने के लिए तैयारी शुरु की गई है। टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कंपनी से अनुबंध के बाद काम शुरु होना है।

हर साल बढ़े रहे डॉग बाइट के मामले
2017 में जिले भर में आवारा कुत्ते से कुल 2536 लोग डॉग बाइट के शिकार हुए थे। औसतन आठ लोग पिछले साल आवारा कुत्तों ने अपना निशाना बनाया था। इसके बाद 2018 में भी दो हजार से अधिक लोगों को आवारा कुत्ते ने अपना निशना बनाया। 2019 में भी यही स्थिति रही।शहरवासी इससे खासे परेशान है। खासकर बच्चे सबसे अधिक डॉग बाइट के शिकार हो रहे हैं। बाइक में चलने वाले लोगों को भी कई बार इससे दुर्घटना का सामना करना पड़ता है।

शहरवासियों की मांग पकडऩे के बाद शहर से बाहर छोडऩे की जरूरत
शहरवासियों की मांग है कि आवारा कुत्तों की नसबंदी व टीकाकरण के बाद उनको शहर से बाहर छोडऩा चाहिए। ताकि डॉग बाइट के मामलों में कमी आ सके। खासकर ऐसे क्षेत्र जहां साप्ताहिक बाजार, मटन मार्केट सहित अन्य जगहों पर सबसे अधिक लोग परेशान है। शहर से बाहर होने से काफी राहत मिलेगी।

इन नियमों का करना होगा पालन
01.बंधियाकरण पूर्ण वैज्ञानिक पद्धति से योग्यातधारी पशु शल्य चिकित्सक द्वारा किया जाएगा।
02. इसके लिए अलग से ऑपरेशन केन्द्र बनाया जाएगा।
03. कुत्तों को जिस स्थान से पकड़ा जाएगा, उसी स्थान पर छोडऩा होगा।
04. जितने देर आवारा कुत्ते ऑपरेशन के लिए रखे जाएंगे उतनी देर उनकी खान पान की व्यवस्था भी की जाएगी।
05. कुत्तों को पकडऩे के लिए किसी प्रकार का क्रूरता करने पर प्रतिबंध रहेगा।

इन स्थानों पर हिंसक हो रहे कुत्ते
शहर के कई स्थानों पर कुत्ते काफी हिंसक हो रहे है। खासकर साप्ताहिक बाजार या फिर नॉनवेट मार्केट के आसपास झुंड में कुत्ते लोगों को काट रहे हैं। शाम के बाद सडक़ से गुजरने वाले लोग इससे खासे दहशत में रहते है। लिहाजा निगम द्वारा पहले चरण में इन क्षेत्रों के आसपास के कुत्तों का नसबंदी व टीकाकरण पहले किया जाएगा।

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