कोरबा

शहर का ड्रेेनेज सिस्टम ध्वस्त, बारिश के बाद सडक़ से अंदरूनी क्षेत्रों तक भरा पानी

Drainage System : गेरवा घाट में भी पानी लबालब, कोसमनाला पुल फिर जलमग्न, फर्टिलाइजन बस्ती में लोगों के घरों में घुसा पानी
 
 

कोरबाAug 14, 2019 / 05:35 pm

Vasudev Yadav

शहर का ड्रेेनेज सिस्टम ध्वस्त, बारिश के बाद सडक़ से अंदरूनी क्षेत्रों तक भरा पानी

कोरबा. शहर का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। मुख्य मार्गों से लेकर अंदरूनी क्षेत्रों तक पानी भर गया है। जिले के कुछ क्षेत्रों में एक बार फिर से पानी लोगों के घरों तक प्रवेश कर गया है। जबकि अजगरबहार का कोसमनाला पुल मंगलवार की रात हुई तेज बाशिर के बाद जलमग्र हो गया है।
शहर के सुनालिया पुल मार्ग में बुधवार की सुबह पानी भर गया था। टीपी नगर से लेकर घंटाघर क्षेत्र का भी यही हाल रहा। मंगलवार की रात हुई तेज बारिश के बाद शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों मे बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं। हालांकि बुधवार को सुबह बारिश के थमने से लोगों ने राहत की सांस जरूर ली है। लेकिन जलभराव का खतरा अब भी बना हुआ है। शहर के साथ ही पूरे जिले में ऐसे कई क्षेत्र हैं। जहां से बरसाती पानी के बाहर निकलने का कोई इंतजाम नहीं है। इसके कारण लोगों के घर के भीतर जलभराव के असार बन रहे हैं।

फर्टिलाइजर बस्ती में जनजीवन अस्त-व्यस्त
दर्री के फर्टिलाइर बस्ती में मंगलवार की रात हुई तेज बारिश के बाद जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। मिट्टी के बने घर गिर गए हैं, इसके नीचे बाइक सहित रोजमर्रा के जरूरत के सामान दब गए हैं। इसी क्षेत्र में ५० से अधिक लोगों के घरों में पानी घुस गया है। हालात यह है कि लोगों को पीने का पानी तक नहीं मिल रहा है। इस क्षेत्र के निवासी जलनिकासी के लिए वर्षों से नाली निर्माण की मांग कर रहे हैं। लेकिन यह मांग अब भी अधूरी है। जिसके कारण हर साल बरसात में यहां बाढ़ जैसे हालात निर्मित होते हैं। कुछ लोगों द्वारा नाले के उपर अतिक्रमण कर निर्माण कार्य कर लिया गया है। इसके कारण भी जलनिकासी नहीं हो पाती।

कोसमनाला फिर जलमग्न
कुछ दिन पहले ही अजगरबहार से सतरेंगा के मध्य स्थित कोसमनाला पुल बरसात के बाद पूरी तरह से डूब गया था। काफी मशक्कत के बाद कोसमनाला पुल को बहाल किया गया था। बुधवार की सुबह कोसमनाला पुल फिर से पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। लोग यहां पानी के तेज बहाव के बीच पुल पार करने को विवश हैं। कोसमनाला पुल के क्षेतिग्रस्त होने से इस क्षेत्र के ४० गांव जिला मुख्यालय से कट जाएंगे।

बालको क्षेत्र में लोगों ने फिर छोड़ा घर
बालको क्षेत्र के परसाभाठा, बीहीबाड़ी के लोग मंगलवार की रात से दहशत में हैं। आधी रात के बाद से लोग घरों से निकलकर सामुदायिक भवन पहुंच गए। जबकि कुछ लोगों ने किराए के मकान में शरण ली है। हालांकि बुधवार को पानी थमने के बाद लोगों ने कुछ हद तक राहत की सांस ली है।

प्रशासनिक स्तर पर कोई इंतजाम नहीं
भारी बारिश से निपटने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस इंतजार नहीं किए गए हैं। हालांकि जिले में बड़े नालों के आस-पास किया गया अतिक्रमण भी काफी हद तक ऐसी पस्थितियों के लिए जिम्मेदार है। लेकिन इन्हें हटाने के लिए कोई ठोस पहल भी नहीं होते। जबकि तेज बारिश होने पर जिले में हर साल बरसात में ऐसे ही हालात पैदा होते हैं। बाढ़ से निपटने व लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कोई इंतजार नहीं किए गए हैं। आपदा प्रबंधन के टॉलफ्री नंबर पर सूचना देने के बाद राहत कार्य के लिए कोई भी नहीं पहुंचता।

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