भीषण गर्मी में पैदल कलेक्ट्रेट पहुंचे भू- विस्थापित, प्रदर्शन कर रोजगार की मांग
खदान से प्रभावित गांव के लोगों ने अपने लिए रोजगार की मांग किया। नौकरी, पुनर्वास और मुआवजा को लेकर प्रशासन तक अपनी बातों को पहुंचाया। मांगों को लेकर एसईसीएल की कुसमुंडा खदान से प्रभावित आधा दर्जन से अधिक गांव के लोग शुक्रवार को एक स्थान पर एकत्र हुए। सर्वमंगला चौक, ट्रांसपोर्टनगर, सीएसईबी चौक होकर भीषण गर्मी में पैदल चलते हुए दोपहर लगभग एक बजे कोरबा कलेक्ट्रेट कार्यालय की गेट पर पहुंचे। मांगाें के समर्थन में लोग गेट के बाहर खड़े हो गए। नारेबाजी करने लगे। कुछ लोग सड़क पर बैठ गए। इससे मेनरोड कुछ देर के लिए जाम हो गया। भू- विस्थापिताें ने कोरबा कलेक्टर के नाम पर कनिष्ठ अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। कोल इंडिया की पुनर्वास नीति को रद्द करने की मांग करते हुए राज्य सरकार की पुनर्वास नीति को लागू करने कहा। इसके तहत प्रत्येक खातेदार को रोजगार की मांग किया। वर्षों से लंबित प्रकरणों में रोजगार देने की मांग किया। ग्राम रिसदी, खोडरी, पड़निया, सोनपुरी, पाली, जटराज, चुरैल, अमगांव, गेवरा और खैरभावना की भूमि और मकान का वर्ष 2022- 23 के आधार पर मुआवजा की मांग किया। बसाहट के लिए 15 डिसमिल जमीन की मांग किया। बसाहट के बदले 25 लाख रुपए देने की मांग किया। 18 सूत्रीय मांग को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।