हादसे की सूचना रजगामार खदान के उप महाप्रबंधक को दी गई। अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। जानकारी मिलते ही आसपास के लोग भी बड़ी संख्या में घटनास्थल पर एकत्र हो गए। पुलिस को अवगत कराया गया। बंकर के नीचे कोलकर्मी को निकालने की कोशिश शुरू हुई। करीब तीन घंटे की कोशिश के बाद बंकर से कोलकर्मी को बाहर निकाला गया। उसकी पहचान राधेश्याम साहू उम्र 57 वर्ष से की गई है। वह एसईसीएल के अधीन पंप खलासी के पद पर कार्यरता था। रगामार ओमपुर कॉलोनी स्थित कंपनी के विभाग आवास में परिवार के साथ रहता था।
100 टन का बंकर
एसईसीएल की रजगामार अंउरग्राउंड खदान से कोयला सडक़ मार्ग के जरिए अलग अलग स्थानों तक पहुंचाया जाता है। गाडिय़ों में कोयला भरने के लिए खदान क्षेत्र में 100 टन का बंकर निर्माण किया गया है। खदान से कोयला बंकर में कन्वेयर बेल्ट के जरिए पहुंचता है। यहां से गाडिय़ों में लोड किया जाता है। लोडिंग के दौरान ही हादसा हुआ।
एसईसीएल की रजगामार अंउरग्राउंड खदान से कोयला सडक़ मार्ग के जरिए अलग अलग स्थानों तक पहुंचाया जाता है। गाडिय़ों में कोयला भरने के लिए खदान क्षेत्र में 100 टन का बंकर निर्माण किया गया है। खदान से कोयला बंकर में कन्वेयर बेल्ट के जरिए पहुंचता है। यहां से गाडिय़ों में लोड किया जाता है। लोडिंग के दौरान ही हादसा हुआ।
आठ साल पहले बनाया गया था बंकर
बताया जाता है कि वर्ष 2014-2015 में इस बंकर का निर्माण किया गया गया था। इसके लिए एसईसीएल ने एक निजी कंपनी को काम दिया था। इस बंकर को बनाने में पवन इंक्लाइन के स्ट्रैक्चर को काटकर लगाया गया था। पवन इंक्लाइन बंद हो जाने के बाद उसका बंकर खड़ा था। इसी बंकर को काटकर नए स्थान पर शिफ्ट किया गया था।
प्रबंधन की लापरवाही उजागर, सेफ्टी अफसर की भूमिका पर सवाल
क्या निर्माण के आठ बाद कोई बंकर गिर सकता है? इसकी जांच करने के लिए एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर से खान सुरक्षा महाप्रबंधक और उनकी टीम रजगामार पहुंच गई है। खान सुरक्षा निदेशालय क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर की टीम भी जांच शुरू कर रही है। इसके अलावा अन्य स्तर पर भी जांच शुरू हो गई है। लेकिन इस घटना ने एसईसीएल में कराए जाने वाले कार्यों के गुणवत्ता की पोल खोलकर रख दी है। सवाल के घेरे में एसईसीएल रजगामार के खान सुरक्षा अधिकारी भी हैं। उनका काम खदान में सुरक्षा की नियमित जांच करना है। हादसे को लेकर कोलकर्मियों के बीच चर्चा है कि बंकर की वेल्डिंग कमजोर हो गई थी। इससे घटना हुई। अगर ऐसा हुआ तो यह खान सुरक्षा अधिकारी की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है, जिन्होंने अपने दायित्वों को सही तरीके से नहीं निभाया।
क्या निर्माण के आठ बाद कोई बंकर गिर सकता है? इसकी जांच करने के लिए एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर से खान सुरक्षा महाप्रबंधक और उनकी टीम रजगामार पहुंच गई है। खान सुरक्षा निदेशालय क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर की टीम भी जांच शुरू कर रही है। इसके अलावा अन्य स्तर पर भी जांच शुरू हो गई है। लेकिन इस घटना ने एसईसीएल में कराए जाने वाले कार्यों के गुणवत्ता की पोल खोलकर रख दी है। सवाल के घेरे में एसईसीएल रजगामार के खान सुरक्षा अधिकारी भी हैं। उनका काम खदान में सुरक्षा की नियमित जांच करना है। हादसे को लेकर कोलकर्मियों के बीच चर्चा है कि बंकर की वेल्डिंग कमजोर हो गई थी। इससे घटना हुई। अगर ऐसा हुआ तो यह खान सुरक्षा अधिकारी की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है, जिन्होंने अपने दायित्वों को सही तरीके से नहीं निभाया।