घटना कटघोरा वनमंडल के लेपरा ग्राम पंचायत के नावलेपरा की है। शनिवार की रात लगभग नौ बजे चैतराम (60) घर से मछली पकडऩे जा रहा था। बस्ती में ग्रामीणों ने उसे नसीहत दी कि नाले के आसपास हाथी घूम रहे हैं। कुछ देर पहले ही वन विभाग ने गांव में मुनादी कराई है। लोगों की बात सुनने के बाद वापस घर गया, लेकिन कुछ देर बाद फिर मछली पकडऩे नाले की तरफ चला गया। बस्ती से नाले की दूरी लगभग आधा किमी है। मछली पकडऩे के बाद जब वह वापस लौट रहा था। नाले के ठीक ऊपर पहुंचा ही था कि हाथी से उसका सामना हो गया। हाथी ने ग्रामीण को पटककर मार डाला। हालांकि घटनास्थल को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि ग्रामीण ने बचने की पूरी कोशिश की। घटना की सूचना देर रात ही गांव वालों को मिल चुकी थी। सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। रात में उस तरफ जाने से मना किया गया। सुबह पंचनामा कार्रवाई कर शव परिजनों को सौंपी गई।
मछली पकडऩे के लिए जाल बिछाकर नदी किनारे बैठे थे दो ग्रामीण, पीछे मुड़कर देखा तो करीब आ रही थी मौत, फिर… चार हाथियों का झुंड इस क्षेत्र में सक्रिय
लेपरा गांव के आसपास पिछले एक सप्ताह से चार हाथियों का झुंड उत्पात मचा रहा है। इसी चार हाथियों का झुंड घटना केे कुछ देर पहले ही उस जगह को पारकर दूसरी तरफ गया था। तब वन विभाग ने गांव में मुनादी कराई थी। बस्ती से बाहर निकलने से मना भी किया था। उसके बाद भी ग्रामीण ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
वर्तमान में कटघोरा वनमंडल में कुल 64 हाथियों के झुंड ने वन विभाग की नींद उड़ा दी है। सबसे अधिक एतमानगर में 40 हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है। जबकि 20 अन्य हाथियों का झुंड भी इसी रेंज में ही है। जबकि चार हाथियों का झुंड लेपरा के आसपास है। एक साथ इतनी अधिक संख्या में हाथियों की वजह से उन पर 24 घंटे निगरानी रख पाना मुश्किल हो रहा है।