तीन घंटे तक पूरी कॉलोनी दरवाजा और लाइट बंद कर सकते में रहे लोग
जीएम कार्यालय के पीछे आफिसर कॉलोनी, शहीद भगत सिंह कॉलोनी, गायत्रीनगर कृष्णा नगर व मानिकपुर क्षेत्र के लोग शाम ६ बजे से लेकर रात ९ बजे तक घरों के दरवाजे बंद कर रहना पड़ा। आफिसर कॉलोनी और एसबीएस में तो लोगों ने घरों की लाइट तक बंद कर दी थी। डर के साएं में लोग पल-पल की खबर लेते रहे। सबसे भयावह स्थिति उस समय हुई जब हाथी की चिंघाड़ उनके गलियों के बीच से गुजरा। लोग कुछ देर के लिए थर्रा गए थे।
वर्कशॉप में रात की ड्यूटी मेें दे दी गई छुट्टी
इधर एसईसीएल के वर्कशॉप में रात की पाली में काम करने वाले कर्मचारियों को अवकाश दे दिया। दरअसल रात आठ बजे से दूसरी शिफ्ट शुरु होती है। इस दौरान कर्मचारी कॉलोनी से वर्कशॉप आते समय हाथी के हमले का शिकार हो सकते थे। लिहाजा प्रबंधन ने छुटट्ी कर दी।
दिनभर का घटनाक्रम
मंगलवार रात २.30 बजेमानिकपुर से चारों हाथी कृष्णानगर के समीप से होते हुए बीकन स्कूल के पास पहुंचे। अफसर कॉलोनी से होते हुए जीएम चौक के पास गेस्ट हाउस की बाउंड्रीवाल तोड़ दी। वॉलीबाल ग्राउंड को भी नुकसान पहुंचाया। फिर चारों हाथी मानिकपुर चौकी के सामने से होते हुए मुड़ापार हेलीपेड जा पहुंचे। वन विभाग की टीम के पहुंचते ही चारों हेलीपेड के पीछे सागौन बाड़ी के अंदर घुस गए।
बुधवार सुबह ६.30 बजे
आसपास के लोगों को इसकी बिल्कुल भनक नहीं थी। सुबह में ये खबर आग की तरह फैली। हेलीपैड के पास लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। भगाने के फेर में हाथी एसएलआरएम सेंटर के समीप सामुदायिक भवन जा पहुंचे जहां की बाउंड्रीवाल को तोड़ दिया। यहां से हाथी फिर से कॅरियर पब्लिक स्कूल के पीछे जा पहुंचे। वन विभाग ने फिर अपनी यहां एक टीम लगाई।
सुबह ९.०० बजे
हाथियों का झुंड कॅरियर पब्लिक स्कूल से आगे बढ़कर बुधवारी बायपास के पीछे पहुंच गया। लोगों की भीड़ सड़क के किनारे जमा हो गई। इस जगह पर वन विभाग की टीम के लिए पहुंचने का रास्ता नहीं था। टीम पैदल ही दूर से नजर रख रही थी। हाथियों के यहां पहुंचने से आसपास के दुकान संचालकों में हड़कंप मच गया। कई लोगों ने दुकान ही नहीं खोला।
दोपहर १२.०० बजे
दोपहर लगभग १२ बजे हाथियों का झुंड वापस सागौन बाड़ी जा पहुंचा। हाथियों को देखने हेलीपैड में सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा थी। हेलीपेड के पीछे कुष्ठ आश्रम तक कच्चे सड़क पर हाथी पार हुए। यहां से चारों फिर से मिनीमाता के पीछे आ धमके।
दोपहर 1.०० बजे
कुष्ठ आश्रम के पास रामसागरपारा निवासी दिलीप विश्वकर्मा जंगल के भीतर हाथियों को देखने घुस गया। जहां उसका सामना दंतैल से हो गया। भागता हुआ जमीन पर गिर गया। इसी बीच दंतैल ने उसकी पीठ में दांत घुसा दिया। लहुलुहान युवक भागने की कोशिश करता उसे दंतैल ने फिर गिरा दिया। घायल स्थिति में उसे जिला चिकित्सालय लाया गया।
दोपहर ३.०० बजे
स्थिति बिगड़ता देख कलेक्टर हक ने मोर्चा संभाला। सबसे पहले पूरे क्षेत्र में धारा १४४ लगा दिया गया। चारों तरफ सड़कों को ब्लॉक कर दिया गया। हेलीपेड पर जमी भीड़ को डंडे के जोर से खाली कराया गया। वन विभाग की अतिरिक्त टीमें कई रेंज से बुलाई गई। हर टीम हर एक क्ष्ेात्र पर मोर्चा संभाला। एसपी ने मौके पर अतिरिक्त बल बुलाकर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई।
शाम ५.०० बजे
शाम ५ बजे चारों हाथी सागौन बाड़ी से बाहर निकले। वहां से एसईसीएल कॉलोनी होते हुए जीएम ऑफिस के समीप पहुंचे। पास में ही जीएम के बंगले की बाड़ी आ धमके। बाड़ी को चौपट करने के बाद हाथी जमे हुए थे। कलेक्टर, एसपी व डीएफओ ने एक-एक तरफ से मोर्चा संभाल रखा था।
चारों हाथी अलग-थलग हो गए। एक ऑफिसर कॉलोनी जा पहुंचा। तो दो जेपी कॉलोनी की तरफ चले गए। वहीं एक हाथी गैरॉज में डटा रहा। यहां से हाथियों को कंट्रोल करने में वन विभाग के पसीने छूटने लगे। चारों ही हाथियों के पीछे टीम लगानी पड़ी। उसके बाद एक हाथी कृष्णा नगर के समीप नाले से होते हुए दादरखुर्द की ओर रवाना हो गया।
रात 9.30 बजे
रात साढ़े नौ बजे के आसपास एक बेबी ऐलीफेंट और दो दंतैल हाथी गायत्रीनगर जा धमके। यहां लगभग आधा घंटे तक उत्पात मचाया। गायत्रीनगर के समीप तालाब के पास से मानिकपुर पोखरी पहुंचे। मानिकपुर पोखरी से होते हुए चारों नाले के रास्ते डिपरापारा की ओर निकल गए।
रात 10.30 बजे
मानिकपुर से होते हुए दादरखुर्द की ओर निकले। दादरखुर्द के लोगों में भय व्याप्त है। ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर हैं।