तीन दिन पहले निर्देश, फिर भी धरमजयगढ़ रेंज से सूचना ही नहीं आई, विभाग की लापरवाही
इस घटना के बाद फिर दोनों वनमंडलों के बीच समन्वय की लचर स्थिति सामने आई। दरअसल तीन दिन पहले ही दोनों वनमंडलों के डीएफओ समेत वन अधिकारियों की बैठक हुई थी। इसमें सहमति बनी थी कि जब भी एक रेंज से दूसरे रेंज में हाथी जाएंगे तो इसकी सूचना तत्काल दी जाएगी, ताकि संबंधित रेंज में अलर्ट जारी किया जा सके। मंगलवार की रात दंतैल मांड नदी पार करके करतला जा पहुंचा लेकिन ना तो कुदमरा रेंज को भनक लगी ना ही करतला रेंज को।
सुबह जब पानी लेने पहुंचा बच्चा तब हुई घटना की जानकारी
सुबह जब कुएं से पानी लेने एक किशोर पहुंचा तो देखा कि ग्रामीण की क्षत-विक्षत लाश केला बाड़ी के पास पड़ी हुई थी। उसने ही मृतक के परिजनों को सूचना दी। इसके बाद वन विभाग की टीम पहुंची। मृतक के दो बेटे हैं। तत्कालिक मुआवजा २५ हजार रूपए वन विभाग द्वारा परिजनों को दी गई।