परिजनों को घटना की जानकारी होते ही उसके परिजन घटना स्थल पर पहुचे, उसे तत्काल करतला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। करतला क्षेत्र में यह घटना एक पखवाड़े में दूसरी है जहां हाथी ग्रामीणों को मौत के घाट उतार रही है। इससे पहले भी हाथियों के उत्पात से ग्रामीण आए दिन परेशान रहते हैं। इनकी सुरक्षा को लेकर वन विभाग उदासीन बना हुआ है। कई बार ग्रामीणों को हाथियों की चिंघाड़ व उनके उत्पात से रात भर रतजगा करना पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को कटघोरा वनमंडल के केंदई वन परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले कापा नवापारा बीट के जंगल में मौजूद हाथियों में शामिल एक नर दंतैल हाथी की मौत हो गई थी। इसकी सूचना पर वन विभाग के अधिकारियों ने मौका मुआयना कर आवश्यक कार्रवाई पूर्ण कराई । बताया जा रहा है कि झुंड में शामिल एक दंतैल कई दिनों से बीमार चल रहा था। बीमारी के कारण वह काफी कमजोर भी हो चुका था। इस बीमार और कमजोर हाथी को छोड़कर दल के 23 हाथी पिछले दिनों मड़ई की ओर कूच कर गये जबकि बीमार दंतैल के साथ 6 हाथी नवापारा के जंगल में ही मौजूद रहे। इसी बीच बीमार दंतैल हाथी झुंड से अलग होकर अलग हो गए थे।
मंगलवार की सुबह हाथी की अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही थी। जहां हाथी की मौत हुई थी उसके आसपास ही १३ हाथी विचरण कर रहे थे। अंतिम संस्कार के समय ये सभी हाथी मौके पर आ गए। थोड़ी देर रूकने के बाद सभी हाथी झुंड में जंगल की ओर चले गए। इसके बाद वन अमला ने मृत हाथी को दफनाने के लिए वन विभाग ने एनएच में लगी जेसीबी से खोदाई करवाई और अंतिम संस्कार किया गया।