रविशंकर शुक्ल नगर में रहने वाली रेहाना खान ने उरगा पुलिस में केस दर्ज कराया है कि पिछले साल फरवरी में श्री हॉस्पिटल नर्सिग एण्ड पैरामेडिकल कालेज उरगा संस्था के द्वारा अस्पताल में रिक्त 970 विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। वहां पहुंचने पर अस्पताल के संचालक चन्द्रशेखर पाण्डेय एंव वासुदेव गुप्ता मिले जिन्होंने बताया कि श्री हॉस्पिटल के संचालन के लिए 970 पदों पर भर्ती की जा रही है।
चैतमा पेट्रोल पंप के पास बस चालक ने ऑयल टैंकर को मारी ठोकर, छह महिला यात्री के साथ दो अन्य घायल अस्पताल में नौकरी देने के एवज में 70 हजार रुपए प्रति उम्मीदवार एंव 25 हजार रुपए का डीडी जमा करना पड़ेगा, नौकरी स्थाई हैं कहकर अस्पताल के संचालक से संबंधित पेपर दिखाया गया था एंव अधिक जानकारी के लिए अस्पताल के ऊपर स्थित कमरा नंबर 101 में संतोष साहू, कृष्णा पटेल एंव विवेक यादव से सम्पर्क करने के लिए कहा गया। जहां कमरे में और भी कई लोग बैठे थे। कुछ लड़के लड़कियों का फार्म भर रहे थे।
संतोष साहू ने बताया कि नौकरी स्थाई हैं और चन्द्रशेखर पाण्डेय एंव वासुदेव गुप्ता ने जितना पैसा जमा करने को कहा हैं उतना पैसा जमा करने पर नौकरी मिल जाएगी। झांसे में आकर उसने अपने पुत्र मोईन खान एंव बहन इशरत परवीन को एरिया हेल्थ सुपरवाइजर पद के लिए एवं मिर्जा ईदरीश को सुरक्षा गार्ड पद पर नौकरी के लिए फार्म भर दिया। फार्म भरते समय 350 रुपए का डीडी 3 नग स्टेट बैक से बनवाकर जमा किया गया था। एंव प्रत्येक उम्मीदवार 70 हजार रुपए के दर से कुल रकम दो लाख 10 हजार रुपए संतोष साहू को मार्च 2019 में नगद दिया था।
यात्री बस सड़क से नीचे उतर कर खेत में पलटी, आधा दर्जन से अधिक यात्री घायल रकम देते ही तीनों उम्मीदवारो को नियुक्ति पत्र दिया गया था। नियुक्ति पत्र मिलने के बाद अस्पताल में ज्वानिंग नहीं दी गई। तब महिला ने चन्द्रशेखर एंव वासुदेव गुप्ता से मिली जिनके द्वारा कहा गया कि अभी चयन परीक्षा लिया जाएगा। इसमें एकल उम्मीदवारों को नौकरी दी जाएगी। पुलिस ने इस मामले में चन्द्रशेखर पांडे, वासुदेव गुप्ता, कृष्णा पटेल, विवेक यादव व संतोष साहू के खिलाफ 420, 34 के तहत केस दर्ज कर लिया है।
बाराद्वार में परीक्षा ली, ज्वाइनिंग देने से पहले फिर 25 हजार की मांग
जून में जगरानी कालेज बाराद्वार में परीक्षा लिया गया था। परीक्षा लेने के कुछ दिन बाद फिर से 25 हजार रुपए का डीडी जमा करने के लिए कहा गया। काफी समय बीत जाने के बाद नौकरी न मिलने पर आवेदक अस्पताल जाकर नौकरी के बारे में पता करने पहुंचे। तब चन्द्रशेखर पाण्डेय और वासुदेव गुप्ता ने कुछ दिन और इंतजार करते को कहा था। किन्तु उसके बावजूद भी नौकरी नही मिलने पर लोग वहां पहुंचे तो अस्पताल के अदंर नही जाने दिया गया बाहर से भगा दिया।