पोर्टल से कर सकते हैं ई-वे बिल जेनरेट
व्यापारियों के लिए ई-वे बिल जेनरेट करना कठिन नहीं होगा। वे पोर्र्टल पर जाकर, अपने जीएसटी पंजीयन नंबर के साथ बिल जेनरेट कर सकते हैं। इसके लिए व्यापारी का मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी अनिवार्य होगा।
अधिकारियों को दी जाएगी जांच मशीन
जीएसटी विभाग ने अधिकारियों को बार कोड मशीन उपलब्ध कराई जाएगी। इस मशीन से जीएसटी के पोर्टल पर जाकर इस बात की जांच की जा सकती है कि ईवे बिल किस तारिख को जेनरेट किया गया है और चालान किस माल के लिए बनाया गया है तथा इसकी कीमत कितनी है। अगर फर्जी बिल बनाया गया है तो पोर्टल पर किसी प्रकार की जानकारी नहीं मिलेगी।
कारोबारियों ने जताया विरोध
कारोबारियों और विशेषकर ट्रंासपोर्टरों ने इस नियम पर विरोध जताते हुए कहा है कि विभाग के आए दिन के नए नियमों ने व्यापार की राह कठिन कर दी है। अगर नियम बनाना ही है तो ऐसे नियम बनाए जाएं, जो व्यावहारिक व सरल हों, उसका पालन करना आसान हो। एक से दूसरे शहर माल भेजने पर ई-वे बिल की अनिवार्यता होनी चाहिए।
माल की कीमत का निर्धारण कठिन चुनौती
अफसरों के लिए माल की कीमत का निर्धारण कठिन चुनौती होगी। अब सभी गाडिय़ों की फिजीकल जांच तो होने से रही। अगर जांच करेंगे तो इस काम में कितने अधिकारी लगेंगे, ये कठिन चुनौती होगी। ये पता लगाना कि गाड़ी कहां से चली है और 10 किमी की सीमा कहां समाप्त हो रही है, मुश्किल होगा।