जरूरी सुविधाएं भी नदारद
ज्यादातर सरकारी एंबुलेंस(Government Ambulance) से आवश्यक सुविधाएं भी नदारद हैं। यहां लगी शॉक मशीनें भी मरीजों के काम नहीं आ सकतीं क्योंकि उनमें पैड नहीं है। एंबुलेंस गाडिय़ों में ब्लड प्रेशर(Blood Pressure) नापने का उपकरण, एयर कंडीशनिंग सिस्टम(Air Conditioning System), मरीजों को संक्रमण से बचाने के लिए जरूरी निडिल डिस्ट्रॉयर(Nidil Destroyer) भी नहीं है। बताया जाता है कि कुछ सुविधाओं को हटाए जाने का फैसला कंपनी ने किया था।
लेमरू में आज तक नहीं पहुंची संजीवनी की सेवाएं
वनांचल क्षेत्र में आज तक संजीवनी एक्सप्रेस(Sanjivani Express) 108 की सेवाएं शुरू नहीं हो सकी है। यहां सिर्फ एक महतारी एक्प्रेस(Mahaari Express) की एंबूलेंस(Ambulance) है। जिसके सहारे ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं(health care) संचालित हो रही हैं। दरअसर महतारी एक्सप्रेस(Mahaari Express) की वाहन छोटी होने की वजह से दुर्गम क्षेत्रों में भी पहुंच जाती है। जबकि संजीवनी वाहन इस क्षेत्र में सफर नहीं कर पा रही है। लेमरू में संजीवनी के संचालन के लिए कोई खास सरकारी प्रयास भी नहीं हुए हैं।
कर्मचारियों की भी कमी, पहुंच रहे लेट
सरकारी एंबुलेंस(Government Ambulance) की संचालनकर्ता कंपनी जीवीके ईएमआरआई कंपनी(Private Company GVK EMRI) में कर्मचारियों की भी कमी है। जिसके कारण कॉल करने के सही लोकेशन बताने के बाद भी। वाहन ठीक समय पर जरूरतमंदों के पास नहीं पहुंच पा रहे है। जिसके कारण कई मरीज आपात सुविधा के अभाव में दम तोड़ देते हैं।