पुलिस का कहना है कि इस मार्ग को एसईसीएल प्रबंधन कोयला परिवहन (Coal transport) के लायक बना सकता है। इसके लिए सड़क को थोड़ी चौड़ी करनी होगी। पुलिस का कहना है कि रास्ता चालू होने पर कुसमुंडा से गेवरा बस्ती की ओर जाने वाली मार्ग पर दबाव कम हो जाएगा। गाडिय़ां गेवरा बस्ती से गुजरे बिना हरदीबाजार के रास्ते मनगांव होकर कुसमुंडा थाना चौक तक पहुंच सकती हैं। इस मार्ग की स्थिति देखने के लिए पुलिस ने दो दिन पूर्व एसईसीएल गेवरा और कुसमुंडा के अधिकारियों के साथ दौरा भी किया है। हालांकि इस मार्ग पर एसईसीएल गेवरा प्रबंधन ने अपना रूख साफ नहीं किया है।
मानिकपुर कोयला खदान विस्तार के लिए पेड़ों की गिनती शुरू, जानें कितने हजार पेड़ों की दी जाएगी बलि सड़क पर पानी छिड़काव नहीं होने से परेशानी
इधर, कुसमुंडा से गेवराबस्ती होकर हरदीबाजार की ओर जाने वाली सड़क पर वाहनों का दबाव अधिक होने से ग्रामीण परेशान हैं। उनका कहना है कि सड़क पर कोयला परिवहन होने से अत्यधिक धूल उड़ रही है। एसईसीएल प्रबंधन सड़क पर पानी छिड़काव भी नहीं कर रहा है। इससे समस्या गंभीर होती जा रही है।
लोगों ने इस पर कोयला परिवहन पूरी तहत बंद करने की मांग की है। उनका कहना है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में सुबह आठ बजे से 10 बजे तक और दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक नो इंट्री लगाई थी। इसे परिवर्तित कर सुबह सात बजे से ११ बजे तक और दोपहर तीन बजे से नौ बजे तक किया गया है। इसके बाद भी लोगों को राहत नहीं मिल रही है। नो इंट्री की टाइमिंग में कुछ वाहन चालक गाडिय़ां दौड़ा रहे हैं। इससे हादसे की आशंका बढ़ गई है।