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हाथी आए तो हो जाती है बत्ती गुल, ऐसे में मिट्टी का तेल ही होता है सहारा इसलिए ग्रामीणों ने रखी ऐसी मांग

locationकोरबाPublished: Jan 09, 2019 11:41:04 am

Submitted by:

Shiv Singh

इस बाबत शासन को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा

इस बाबत शासन को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा

इस बाबत शासन को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा

कोरबा. हाथी प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों ने खाद्य विभाग से हर माह मिलने वाले दो लीटर केरोसिन (मिट्टी) तेल के कोटे को बढ़ाने की मांग की है। विभाग ने भी इस मांग को गंभीरता से लेते हुए इस बाबत शासन को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है।

दरअसल हाथी प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीण रात का समय दहशत में गुजारते हैं। जब उन्हें पता चलता है कि क्षेत्र में हाथियों की मूवमेंट शुरू हो गया है, तब बिजली गुल होने के बाद उनके पास लालटेन व चिमनी ही राह दिखाने का एक मात्र साधन होता है। इन क्षेत्रों में अनियमित बिजली की आपूर्ति के कारण विपरित पस्थितियों में ग्रामीणों की मुश्किल और भी बढ़ जाती है।
हालांकि कुछ ग्रामीणों के पास टॉर्च भी मौजूद होता है, लेकिन यह संख्या बेहत सीमित है। वन विभाग द्वारा भी टॉर्च वितरण नहीं किया जाता। इसलिए ऐसे में मिट्टी का तेल ग्रामीणों के लिए बेहद उपयोगी हो जाता है। गांव के करीब जंगल में हाथियों के पहुंचने से ग्रामीण रात में हाथियों को खदेडऩे मशाल जलाते हैं इसके लिए भी मिट्टी तेल की जरूरत होती है।


शहरी में एक और ग्रामीण क्षेत्रों में दो लीटर वितरण का नियम
मिट्टी तेल के वितरण के लिए विभाग ने मापदण्ड तय कर दिए हैं। जिसके अनुसार शहरी क्षेत्र में अधिकतम एक तो ग्रामीण क्षेत्रों दो लीटर से अधिक मिट्टी तेल का वितरण सरकारी उचित मूल्य की दुकानों से नहीं किया जा सकता। लेकिन यह तय कोटा खासतौर से ग्रामीणों के लिए बेहद कम है।


होती है कालाबाजारी
जनवरी माह के लिए जिले के सभी 450 उचित मूल्य की दुकानों को दो लाख 43 हजार 894 हितग्राहियों के लिए पांच लाख 85 हजार 600 लीटर मिट्टी के तेल का आबंटन किया गया है। दिक्कत यह है कि जितना आवंटन विभाग द्वारा उचित मूल्य की दुकानों को किया जाता है, उसके वितरण में कोताही बरती जाती है। मिट्टी का बचा हुआ स्टॉक ऑनलाईन नहीं किया जाता। जिसके कारण इसकी बड़ें पैमाने पर कालाबाजारी की जाती है।


नहीं दिखता ऑनलाइन
खाद्य विभाग के वेबसाइट पर उचित मूल्य की दुकानों को आवंटित चावल सहित खाद्यान्नों के आवंटन और शेष बचे मात्रा की जानकारी उपलब्ध होती है, लेकिन मिट्टी तेल के विषय में यह जानकारी ऑनलाइन अपडेट नहीं होती।


-हाथी प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों ने प्रति कार्ड दो लीटर से अधिक मिट्टी तेल का वितरण करने कि मांग की है। जिसके लिए शासन को पत्र लिखा गया है। कालाबाजारी की सूचना मिलने पर कार्यवाही की जाएगी।
-एमके त्रिपाठी, सहायक खाद्य अधिकारी, कोरबा
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