पिछले माह पांच अक्टूबर को कोल इंडिया मेें ठेका मजदूरों को बोनस देने पर सहमति बनी तो प्रेम की उम्मीदें भी जगी। उनको भी वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल मासिक वेतन का 8.33 फीसदी हिस्सा बतौर बोनस मिलनी थी। इसका भुगतान विजय दशमी से पहले होना था। अक्टूबर गुजर गया। दिवाली भी पार हो गई। लेकिन ठेका मजदूर प्रेम को एसईसीएल से बोनस की राशि नहीं मिली। श्याम नारायण भी गेवरा में ठेका श्रमिक हैं।
उनकी कहानी भी प्रेम से मिलती जुलती है। उनको भी प्रेम के समान बोनस का भुगतान नहीं हुआ है। एसईसीएल की गेवरा, दीपका, कुसमुंडा और कोरबा एरिया में साढ़े चार से पांच हजार ठेका मजदूर हैं। अभीतक मजदूरों को बोनस का भुगतान नहीं हुआ है। इससे ठेका मजदूरों में नाराजगी है। मजदूर ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
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श्रमिक संगठनों ने लिखा पत्र
ठेका मजदूरों को बोनस भुगतान नहीं होने से श्रमिक संगठनों में नाराजगी है। श्रमिक नेता लक्ष्मण चन्द्रा ने बताया कि ठेका मजदूरों को बोनस नहीं मिलने की सूचना मिली है। इस संबंध में एसईसीएल प्रबंधन को पत्र लिखकर विरोध जताया गया है। ठेका मजदूरों को बोनस भुगतान करने के लिए कहा गया है। एसईसीएल के साथ होने वाली बैठक में भी मामला उठाया जाएगा।
काम बंद आंदोलन की धमकी पर मानिकपुर में भुगतान
कोरबा एरिया के अधीन एसईसीएल की मानिकपुर कोयला खदान में काम करने वाले कुछ ठेका मजदूरों को अधिकतम सात हजार रुपए तक बोनस का भुगतान हुआ है। हांलाकि यह ठेका मजदूरों की एक जुटता से संभव हुआ है। मजदूरों ने बोनस नहीं मिलने पर काम बंद करने की धमकी दी थी। इसके बाद प्रबंधन हरकत में आया था।