केस – 1
ढोढीपारा निवासी वंदना सिंह चौहान ने १० अगस्त को पावर हाउस रोड कोरबा स्थित एसएस प्लाजा के एटीएम से दोपहर 1 से 2 बजे के मध्य पैसे निकाले। एटीएम कार्ड स्वाइप करने पर कोई विकल्प नही आया। इसके बाद महिला ने साथ मौजूद पति से पैसे निकालने को कहा। दिक्कत होने पर पीछे खड़ा एक अज्ञात व्यक्ति मदद करने के बहाने अंदर दाखिल हुआ और एटीएम लेकर मशीन मे स्वाइप किया। उसके बाद महिला के पति ने पिन एंटर किया। 20000 रूपये आहरण भी किया। आहरण के बाद एटीएम से अपने खाता मे 10000 रुपए का एक ट्रांसफर भी किया गया। १६ अगस्त को महिला के पति विकास चौहान बीएड में एडमिशन के लिए फीस जमा करने के लिये एटीएम लेकर गये। तब चला कि बैंक खाते में बैलेंस ही नहीं है। महिला के खाते से साढ़े ३७ हजार रूपए निकाल लिए गए। महिला ने कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया है। पता चला कि अज्ञात व्यक्ति ने कार्ड करते समय इसकी क्लोनिंग कर ली थी।
19 अगस्त को कटघोरा के एक एटीएम में रुपए निकालने पहुंची शिक्षिका से बदमाशों ने कार्ड लूट लिया। बदमाश कार में बैठकर फरार हो गए। शिक्षिका लूट की सूचना देने थाना पहुंची। इस बीच बदमाशों ने पोड़ी उपरोड़ा स्थित एक एटीएम से दो किस्तों में शिक्षिका के एटीएम कार्ड से 40 हजार रुपए निकाल लिये। सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आई।
पिछले साल 16 अक्टूबर को गिरजा तिवारी को ठगी का शिकार बनाया था। गिरजा कोरबा के एसएस प्लाजा स्थित एटीएम से पैसे निकालने पहुंची थी। वहां गिरोह के सदस्य पहले से मौजूद थे। एटीएम बूथ से ठगों की तस्वीर निकालकर सोशल मीडिया में शेयर किया। मैग्नेटिक कार्ड रीडर के डेटा को गिरोह डेटा केबल के जरिए लैपटॉप से जोड़ता था। रीडर से डेटा लेकर प्लास्टिक कार्ड पर एटीएम के डेटा को क्लोन करता था। पिन कोर्ड की मदद से एटीएम से रुपया दूसरे खाते में ट्रांसफर कर देते था।