इससे घटना स्थल से अस्पताल पहुंचने से पहले मरीज को प्राथमिक रूप से इलाज हो सकेगा। इससे पीडि़त को लाभ मिलेगा। कई बार जहरीले सांप काटने की वजह से एक से डेढ़ घंटे भीतर के भी इलाज नहीं मिलने से उसकी मौत हो जाती है। इसलिए एंबुलेंस में एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन अनिवार्यता की गई है।
पीएचसी सीएचसी केंद्रों के साथ ही संजीवनी एक्सपे्रस 108 सहित अन्य एंबुलेंस में भी एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन रखने को कहा है। इसके लिए लगभग ढाई हजार एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन उपलब्ध कराई गई है।
ग्रामीण क्षेत्र से सबसे अधिक मामले
सांप काटने की घटनाएं सबसे अधिक मामले ग्रामीण व वनांचल क्षेत्र से आ रहे हैं। ग्रामीण बारिश के मौसम में भी जमीन पर सोते हैं। इससे वे सर्पदंश का शिकार हो जाते हैं। इस कारण बारिश के मौसम में लोगों जमीन पर नहीं सोने और मच्छरदानी लगाकर सोने की सलाह दी जा रही है। एक दिन पहले ही करतला ब्लॉक के नवलपुर ग्राम के तीन वर्षीय मासूम को सांप काट लिया था। इससे उसकी मौत हो गई थी।
जहरीले सांप काटने से इलाज उपलब्ध
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि सभी सांप जहरीले नहीं होते हैं। अधिकांश मौते सांप काटने के बाद घबराहट में हो जाती है। वर्तमान में जहरीले सांप के काटने पर भी इलाज मौजूद है। एक एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन से सांप के जहर को पीडि़त के शरीर से कम किया जाता है। ऐसे में सांप काटने के बाद घबराने के बजाए उसे तत्काल नजदीकी अस्पताल में पहुंचाने की बात कही गई, ताकि समय पर इलाज मिल सके।