पिछले बार सर्वे करा लिया गया, लेकिन रिपोर्ट पर काम नहीं
पीएचई ने डेढ़ साल पहले नागपुर की नीरी से जिले के सभी ब्लॉक के ऐसे प्रभावित गांव में पानी की सेंपलिंग की। लगभग १६९ गांव के ३२० बसाहट तक टीम सेंपल के लिए पहुंची। इनमें ६२० हैंडपंपों में से ५११ हैंडपंप में फ्लोराइड की मात्रा मानक स्तर से अधिक पाई गई थी। इन सभी बसाहट तक फ्लोराइड ने अपने पैर पसार चुका है। लाख कोशिश और दावों के बीच भी फ्लोराइड का दायरा बढ़ रहा है। सर्वे तो करा लिया गया लेकिन उस रिपोर्ट के हिसाब से किसी तरह काम नहीं किया गया।
अब तक ३३ गांव में कैंप लगाया गया जहां ५६५ ग्रामीणों के मरीजों के दांतों में तो वहीं ६६ के हाथ-पांव में इसके लक्षण मिले हैं। इनका उपचार कराया जा रहा है।
डॉ नरेन्द्र जायसवाल, सलाहकार, जिला फ्लोरिसिस सेल