उल्लेखनीय है कि बालोद में आयोजित हुए दिव्यांग व्हील चेयर क्रिकेट प्रतियोगिता के लिए जिले की भी दिव्यांग खिलाडिय़ों की टीम तैयार की गई। दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान बजरंग पटेल, उप कप्तान धनंजय कुमार, तुलाराम खरे और संतोष साहू सहित अन्य खिलाडिय़ों से मिलकर एक टीम तैयार हुई। फिर ट्रायल सलेक्शन के माध्यम से 15 खिलाडिय़ों का चयन हुआ।
टीम के सभी खिलाड़ी बालोद रवाना हुए और वहां दो दिवसीय मैच में प्रदर्शन किया और सेमीफाइनल में जगह बनाई। 11 नवंबर को बालोद और जांजगीर-चांपा के टीम के बीच सेमीफाइनल का मुकाबला हुआ जिसमें जांजगीर-चांपा ने जीत दर्ज करते हुए फाइनल में जगह बनाई। फिर फाइनल मैच रायपुर के साथ हुआ। इसमें रायपुर की टीम विजेता बनी। जांजगीर-चांपा की टीम को उपविजेता का खिताब मिला। पहली ही बार में मिली अच्छी जीत से खिलाडिय़ों में काफी उत्साह देखा गया।
पत्रकार को गोली से उड़ा देने की धमकी देने वाला क्लर्क फरार, ये है मामला… जीत के बाद कलेक्टर से मिलने पहुंची टीम
जीत के बाद सोमवार को टीम के खिलाड़ी कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक से मिलने पहुंचे थे। टीम जीत में मिली ट्राफी हाथ में लेकर जिला प्रशासन को शुभकामनाएं देने आए थे। टीम के कप्तान मेहंदी पामगढ़ निवासी बजरंग पटेल व उपकप्तान धनंजय कुमार ने बताया कि कलेक्टर के द्वारा टीम को प्रोत्साहित करते हुए सभी खिलाडिय़ों के लिए जर्सी और जरूरी खेल कीट प्रदान की गई थी इसके मदद से बेहतर प्रदर्शन किया। समाज कल्याण विभाग का भी बेहतर सहयोग मिला।
कप्तान बजरंग पटेल ने बताया कि इस क्रिकेट प्रतियोगिता में सभी दिव्यांग व्हीलचेयर के साथ ही मैदान में उतरते हैं और खेल का प्रदर्शन करते हैं। एक टीम में तीन टीम 40 से 45 प्रतिशत तक डिसेबल और बाकी खिलाड़ी 80 प्रतिशत से अधिक डिसेबल वाले होते हैं। उन्होंने बताया कि रायपुर के कोच ओम नेताम की मदद से उनकी टीम की तैयारी हुई और उनके मार्गदर्शन में फाइनल तक पहुंच पाए