वर्ष 2016में देवाशीष ने भू- विस्थापित के तौर पर नौकरी के लिए एसईसीएल के कुसमुंडा परियोजना में दावा पेश किया। छानबीन के बाद एसईसीएल की ओर से बताया कि राही बाई की जमीन के बदले वर्ष 1996 में रामगोपाल पिता रतिराम के नाम से एक व्यक्ति नौकरी कर रहा है। राही बाई के परिवार का कहना है कि रामगोपाल को उसका परिवार नहीं जानता है। रामगोपाल कौन है? कहां का निवासी ? इसकी भी जानकारी राही बाई के परिवार को नहीं है। परिवार ने रामगोपाल की नौकरी से संबंधित दस्तावेज को प्राप्त करने के लिए कुसमुंडा थाना में केस दर्ज कराया है। पुलिस ने रामगोपाल के खिलाफ चारसौबीसी का केस दर्ज किया है। उसकी तलाश कर रही है।
एसईसीएल की कोयला खदानों में गलत दस्तावेज के आधार पर नौकरी हासिल करने से संबंधित सैकड़ों मामले हैं। इसमें सबसे अधिक मामले गलत दस्तावेज के आधार पर खदान से प्रभावित परिवार का सदस्य बनकर नौकरी करने का है। इस प्रकार के मामले गेवरा दीपका और कुसमुंडा के अलावा अलावा एसईसीएल कोरबा एरिया के अधीन संचालित ढेलवाडही और सिंघाली खदान में भी है। अभी तक पुलिस कई कोल कर्मियों के खिलाफ चारसौबीसी का केस दर्ज कर चुकी है।