scriptधुंध व धुएं दे गए दीवाली के पटाखे टीपीनगर में घुल गई जहरीली हवा | korba : Mist and fumes were giving Diwali firecrackers in the city has become so poisonous air TP | Patrika News

धुंध व धुएं दे गए दीवाली के पटाखे टीपीनगर में घुल गई जहरीली हवा

locationकोरबाPublished: Nov 10, 2016 11:06:00 am

कोरबा शहर पहले से ही केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों
में 27 वें नंबर पर है। इसके बावजूद प्रदूषण के बढ़ते आंकड़े, शहर की
स्थिति को बयां कर रहे हैं।

city has become so poisonous air

Mist and fumes were giving Diwali firecrackers in the city has become so poisonous air

कोरबा. दीवाली की रात हुए प्रदूषण ने पिछले तीन साल का रिकार्ड ही तोड़ दिया। ध्वनि व वायु प्रदूषण से शहर का दम ही फू ल गया होगा। दीवाली की रात वर्ष का सबसे प्रदूषित दिन रहा। खासकर टीपीनगर क्षेत्र में सबसे अधिक प्रदूषण बढ़ा।
दीपोत्सव की शाम होते होते मंहगाई की धज्जियां कुछ इस कदर उड़ी कि पूरा शहर धुएं व धुंध की आगोश में समा गया। पर्यावरण संरक्षण मंडल के आंकड़े यह बयां कर रहे हैं। लगभग तीन करोड़ के सिलसिलेवार पटाखों के धमाके से क्षितिज में इतना जहर घुला कि श्वांस व दमा के रोगियों का मर्ज ही बढ़ गया।

कोरबा शहर पहले से ही केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में 27 वें नंबर पर है। इसके बावजूद प्रदूषण के बढ़ते आंकड़े, शहर की स्थिति को बयां कर रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा दीवाली की रात प्रदूषण मापने शहर सहित उपनगरीय क्षेत्र में तीन आरडीएस मशीन लगाई गई थी। इन मशीनों से प्रदूषण का स्तर निकाला गया।

मंडल को दीवाली के दिन प्रदूषण के जो आंकड़े मिले हैं उसके अनुसार जमनीपाली व तहसील परिसर में प्रदूषण कम रहा। टीपी नगर में प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक था। पिछले साल की तुलना में यह बहुत अधिक है। भारतीय विष विज्ञान संस्थान (आईआईटीआर) के अनुसार पटाखों से दीवाली की रात वायुमंडल में निलंबित कणकीय पदार्थो के साथ जहरीली गैस जैसे नाइट्रोजन आक्साइड, सल्फर डाइ आक्साइड, कार्बन डाइ आक्सइड का स्तर कई गुना बढ़ा हुआ होता है। इसके आलावा वातावरण में भारी धातु, कॉपर, जिंक व आयरन मैगजीन जैसी धातुओं की मात्रा कहीं अधिक बढ़ी हुई होती है। इसकी वजह से आंखों में जलन, सूजन व दमा रोगियों को सांस लेने में काफी परेशानी होती है।

प्रदूषण का मापदंड

प्रदूषण निंयत्रण बोर्ड के मुताबिक आरएसपीएम (रेस्पीरेबल सस्पेटेड पर्टीकुलर मेटर) , वायु प्रदूषण 100 माइक्रोग्राम प्रति एमक्यू होनी चाहिए। इसी तरह ध्वनि प्रदूषण सुबह छ: से रात दस बजे तक 55 डेसीबल व रात 10 से सुबह छ: बजे तक 45 डेसीबल होनी चाहिए। आम दिनों में नाइट्रोजन डाइआक्साइड 17 से 20 माइक्रोग्राम प्रति माइक्रोग्राम प्रति क्यूबेक पाया जाता है।

पटाखों को डिब्बों में भरकर भेजेंगे दिल्ली

पटाखों को डिब्बों में भरकर दिल्ली भेजा जाएगा। इसके लिए केन्द्रीय लैब से निर्देश मंडल को मिले है। जिले में किस तरह के पटाखे फोड़े गए। उनका स्तर कैसा था। प्रदूषण के आंकड़ों के साथ पटाखे भी भेजे जा रहे हैं। विभाग द्वारा अब इसके लिए भी तैयारी की जा रही है।
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