मकानों मेंं नल कनेक्शन और मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है। कोरबा जिले में अब तक नल कनेक्शन महज 7े हजार लोगों ने ही करा रखा था। जबकि हाउस होल्डर की संख्या 60 हजार से अधिक है। लगभग इतनी अधिक संख्या में लोग पिछले इतने साल से मुफ्त में पानी का इस्तेमाल करते थे। लेकिन बिल नहीं दिया जाता था।
औसत खपत प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 83 लीटर
निगम द्वारा प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के हिसाब से 83 लीटर पानी दिया जाता है। जिसमें शहर में कुल 133 लाख लीटर पानी की आपूर्ति होती है। औसत खपत पिछले कुछ वर्षों से लगातार बढ़ रही है। अब देखने वाली बात होगी कि मीटर लगने के बाद खपत में कमी आती है की नहीं। अगर औसत के हिसाब से खपत होती है तो एक मकान से कम से कम 400 रूपए का बिल जमा करना होगा।
बीच में होने वाले लॉस का आंकड़ा सामने आ सकेगा
मीटर लगने के बाद निगम को अब आपूर्ति और उपयोग के बीच होने वाले लॉस की जानकारी स्पष्ट हो सकेगी। अब तक यह स्थिति है रहती थी कि निगम ने जलशोधन संयत्र से पानी की सप्लाई प्रतिदिन तो कराई जाती है लेकिन लोगों के बीच शिकायत रहती थी कि उनतक पर्याप्त पानी नहीं पहुंचता। दरअसल बीच में कहीं लीकेज या फिर लोग मोटर लगाकर पानी खींच लेते थे। लेकिन अब विभाग को इसकी स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी।
लोगों को लगभग 3 हजार रूपए की बचत भी
अब तक जिन भी लोगों को नया नल कनेक्शन लगाना होता था। उसके लिए निगम द्वारा जो प्रक्रिया तय की गई उससे कम से कम साढ़े पांच हजार रूपए से लेकर छह हजार रूपए तक देने पड़ते थे। साथ ही कार्यालय के चक्कर लगाने पड़़ते थे। लेकिन निगम द्वारा दिए जा रहे कनेक्शन के ऐवज में शुल्क के तौर पर सिर्फ 2 हजार ही देने पड़ रहे हैं।
निगम के पास कर्मचारियों की कमी
इधर लोगों के बीच यह भी सवाल उठने लगा है कि निगम के पास कर्मचारियों की कमी है। ऐसे में 40 हजार मकानों से हर महीने जलकर वसूली हो पाना टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।