script

बिजली की तरह अब पानी के बिल के लिए लगा मीटर, इसी से होगी गणना और देने होंगे पैसे

locationकोरबाPublished: Apr 17, 2018 11:13:28 am

Submitted by:

Shiv Singh

शहर के आठ हजार मकानों में निगम द्वारा नल कनेक्शन और पानी का मीटर लगाया

korba news in hindi,scandal in korba,korba administration,

शहर के आठ हजार मकानों में निगम द्वारा नल कनेक्शन और पानी का मीटर लगाया

कोरबा . शहर के आठ हजार मकानों में निगम द्वारा नल कनेक्शन और पानी का मीटर लगाया जा चुका है। जिनके भी घरों में मीटर लग चुका है। वहां खपत के आधार पर टैक्स देना होगा। इधर नल कनेक्शन शुल्क दो हजार रूपए को भी तीन किश्तों में जमा करना होगा। अब तक मीटर नहीं लगने की वजह से लोग जलकर जमा नहीं करते थे।

मकानों मेंं नल कनेक्शन और मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है। कोरबा जिले में अब तक नल कनेक्शन महज 7े हजार लोगों ने ही करा रखा था। जबकि हाउस होल्डर की संख्या 60 हजार से अधिक है। लगभग इतनी अधिक संख्या में लोग पिछले इतने साल से मुफ्त में पानी का इस्तेमाल करते थे। लेकिन बिल नहीं दिया जाता था।
जलकर दो सौ रूपए से 400 रूपए तक तय था। जल आवर्धन योजना 1 का काम लगभग पूरा हो चुका है। निगम द्वारा इस योजना में जितना भी पानी दिया जा रहा है उसके शत प्रतिशत बिल के लिए मीटर व कनेक्शन लगाया जा रहा है। 42 हजार में से 8 हजार मकानों में नल कनेक्शन और मीटर भी लगा दिया गया है।
पूर्व में यह कहा जा रहा था कि जब सभी मकानों में कनेक्शन का काम पूरा हो जाएगा। उसके बाद उन मकानों से बिलिंग कराई जाएगी। लेकिन अब निगम ने फैसला लिया है कि जहां भी मीटर लग चुके हैं। उनसे एक महीना पूरा होने के बाद बिलिंग ली जाएगी। वहीं मीटर कनेक्शन का दो हजार रूपए के शुल्क को भी निगम द्वारा तीन किश्तों मेें ली जाएगी।


औसत खपत प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 83 लीटर
निगम द्वारा प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के हिसाब से 83 लीटर पानी दिया जाता है। जिसमें शहर में कुल 133 लाख लीटर पानी की आपूर्ति होती है। औसत खपत पिछले कुछ वर्षों से लगातार बढ़ रही है। अब देखने वाली बात होगी कि मीटर लगने के बाद खपत में कमी आती है की नहीं। अगर औसत के हिसाब से खपत होती है तो एक मकान से कम से कम 400 रूपए का बिल जमा करना होगा।


बीच में होने वाले लॉस का आंकड़ा सामने आ सकेगा
मीटर लगने के बाद निगम को अब आपूर्ति और उपयोग के बीच होने वाले लॉस की जानकारी स्पष्ट हो सकेगी। अब तक यह स्थिति है रहती थी कि निगम ने जलशोधन संयत्र से पानी की सप्लाई प्रतिदिन तो कराई जाती है लेकिन लोगों के बीच शिकायत रहती थी कि उनतक पर्याप्त पानी नहीं पहुंचता। दरअसल बीच में कहीं लीकेज या फिर लोग मोटर लगाकर पानी खींच लेते थे। लेकिन अब विभाग को इसकी स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी।


लोगों को लगभग 3 हजार रूपए की बचत भी
अब तक जिन भी लोगों को नया नल कनेक्शन लगाना होता था। उसके लिए निगम द्वारा जो प्रक्रिया तय की गई उससे कम से कम साढ़े पांच हजार रूपए से लेकर छह हजार रूपए तक देने पड़ते थे। साथ ही कार्यालय के चक्कर लगाने पड़़ते थे। लेकिन निगम द्वारा दिए जा रहे कनेक्शन के ऐवज में शुल्क के तौर पर सिर्फ 2 हजार ही देने पड़ रहे हैं।

लगभग तीन हजार रूपए की बचत लोगों को हो रही है। पहले अमानत राशि पांच हजार, रोड कटिंग दो सौ, सुपर विजन चार्ज 50 रूपए, आवेदन शुल्क 10 रूपए देना होता था।


निगम के पास कर्मचारियों की कमी
इधर लोगों के बीच यह भी सवाल उठने लगा है कि निगम के पास कर्मचारियों की कमी है। ऐसे में 40 हजार मकानों से हर महीने जलकर वसूली हो पाना टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।

ट्रेंडिंग वीडियो