कोरबा. कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव से सबक लेते हुए सबसे पहले अपने गढ़ पाली तानाखार को मजबूत किया। कांग्रेस की प्लानिंग थी कि पाली तानाखार से ज्यादा से ज्यादा वोट मिल सके, ताकि अगर शहरी क्षेत्र से वोट कम मिलते हैं तो वोटों का गड्ढा पाटा जा सके। और हुआ भी ऐसा ही। कांग्रेस को कोरबा शहर से ३४९७४ वोटों की खाई का सामना करन पड़ा। लेकिन वोटों को पाटने में पाली तानाखार की बढ़त निर्णायक साबित हुई। इसके बाद रामपुर विधानसभा के भी वोट कारगर साबित हुए। रामपुर में चुनाव से पहले जकांछ के फूलसिंह राठिया को शामिल करना महत्वपूर्ण साबित हुआ। यही वजह है पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर के ेगढ़ को कांग्रेस ने आसानी से अपने नाम कर लिया।
कांग्रेस : जीत के प्रमुख कारण
१. पाली तानाखार के हर पारा-टोला तक संगठन स्तर पर काम
२. रामपुर में कांग्रेस को जकांछ के भी वोट मिले
३. विधानसभा अध्यक्ष डॉ महंत और राजस्व मंत्री के चेहरे पर चुनाव
४. ग्रामीण स्तर पर कांग्रेस अपने वादों को समझाने में सफल रही।
५. महिला प्रत्याशी होने का भी कांग्रेस को लाभ मिला।