नवमी तिथि को माता की आराधना के साथ देवी मंदिरों व भक्तों ने मां दुर्गा के नौ स्वरूप नौ कन्याओं की पूजा-अर्चना की। भक्तों ने भोग-प्रसाद ग्रहण कर व्रत का पारण किया। दोपहर बाद हसदेव तट स्थित मां सर्वमंगला मंदिर में मंत्रोपचार के साथ ज्वारा का विधि-विधान से पूजा की गई। मांदर, झांझ, मजीरों की धुन पर सेवा गीतों के साथ श्रद्धालु महिलाएं सिर पर ज्वारा लेकर यात्रा निकाली।
सर्वमंगला नदी तट पर विसर्जन किया गया। इसी तरह मां मड़वारानी, भवानी मंदिर, कोसगाई व महिषासुर मर्दिनी मंदिर से लेकर उप नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र के देवी मंदिरों से ज्वारा निकालकर नजदीकी नदी, तालाब व सरोवर में विसर्जन किया गया।
श्रीराम जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं में उत्साह
शहरी क्षेत्र के सीतामणी श्रीराम जानकी मंदिर, सप्तदेव मंदिर, पुराना बस स्टैंड श्रीराम मंदिर में श्रीराम जन्मोत्सव को लेकर विशेष तैयारियों की गई थी। मंदिर को रंग-बिरंगे गुब्बारे, तोरण सहित अन्य सजावटी सामानों से सजाया गया था। यह श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। मंदिरों में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ रही। दोपहर 12 बजे भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। पटाखों की आतिशबाजी की गई।
भोग-भंडारे का किया गया आयोजन
चैत्र नवरात्रि पर्व की नवमी तिथि और भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव पर विभिन्न समिति, संगठन व श्रद्धालुओं ने जगह-जगह भोग-भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मां सर्वमंगला मंदिर, सप्तदेव मंदिर, पुराना बस स्टैंड, पावर हाउस रोड, टीपी नगर नया बस स्टैंड, एसईसीएल रोड काली मंदिर, कोसाबाड़ी सहित अन्य स्थानों पर प्रसाद ग्रहण करने श्रद्धालुओं की भीड़ रही।