आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं वेतन वृद्धि सहित कई मांगों को लेकर 27 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं और घंटाघर चौक पर धरना-प्रदर्शन कर रही हैं। इस हड़ताल को खत्म कराने के लिए महिला एंव बाल विकास विभाग ने बुधवार को नोटिस जारी कर काम पर लौटने के लिए कहा था, अन्यथा की स्थिति में बर्खास्तगी की धमकी भी दी थी लेकिन इस नोटिस की परवाह किए बिना गुरुवार को कोरबा के विभिन्न ब्लाक से पहुंची सैकड़ों कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने धरना स्थल घंटाघर से कोसाबाड़ी चौक तक महारैली निकाली। रैली में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए ज्ञापन सौंपा गया।
जानवरों के हमले से परेशान हैं गांव के लोग, सांस रोककर ग्रामीण ने कैसे बचाई हाथी से जान, पढि़ए खबर संख्या अधिक होने के कारण पुलिस द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं को कोसाबाड़ी से आगे नहीं बढऩे दिया। सिटी मजिस्टे्रट नेपाल सिंह नैरोजी ने मौके पर पहुंचकर ज्ञापन स्वीकार किया। इसके बाद सभी कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने रैली खत्म करने की घोषणा की।
ज्वाइनिंग का आवेदन देकर गईं रैली में
महारैली में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की तादाद देखकर विभाग के कान खड़े हो गए। विभाग के अधिकारी हड़तालियों पर टुकड़ों में कार्रवाई कर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में 900 आंगनबाड़ी केन्द्रों की कार्यकर्ताएं व सहायिकाएं अभी हड़ताल पर हैं।
ये हैं प्रमुख मांगें
-आंबा कार्यकर्ता व सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए
-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका का वेतन 18 व 9 हजार किया जाए
-पीएफ, ग्रेच्यूटी एवं चिकित्सा सुविधा दी जाए
-बीमा राशि के लाभ में बढ़ोत्तरी की जाए अन्य
–हड़ताल करने वाली कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की सूची बना ली गई है। कुछ औपचारिकताएं बची हुई हंै। शुक्रवार को बर्खास्तगी का आदेश जारी किया जाएगा। कुछ कार्यकर्ताओं ने आावेदन दिया था कि वह ज्वाईन कर रही हैं, लेकिन रैली में शामिल हुई हंै।
आनंद प्रकाश किस्पोट्टा, डीपीओ