दो एंबुलेंस हो गई कंडम
जिले में जब यह सुविधा शुरू हुई, तब १३ महतारी एक्सपे्रस थी, लेकिन समय पर सर्विसिंग नहीं होने की वजह से दो गाड़ियां पूरी तरह से कंडम हो चुकी है। एजेंसी ने इन गाड़ियों को सड़क से बाहर कर दिया है, लेकिन इसकी जगह नई एंबुलेंस की सुविधा नहीं दी गई। यह दोनों ही एंबुलेंस वनांचल व ग्रामीण क्षेत्र वाली कटघोरा और पोड़ी विकासखंड की है। वर्तमान में दोनों ही ब्लॉक में महज एक-एक एंबुलेंस चल रही है। वह भी खटारा हो चुकी है।
समय पर जांच नहीं, एंबुलेंस में हो रहा प्रसव
विकासखंडों में महतारी एक्सपे्रस की कमी है। गर्भवती महिलाओं के परिजनों के फोन करने पर भी गाड़ी समय पर नहीं पहुंच रही है। इस कारण गर्भवती महिलाओं को प्रसव संबंधी सहायता, प्रसव पूर्व जांच नहीं मिल रही है। महिलाओं का प्रसव एंबुलेंस में ही हो रही है।
बदहाल सड़क बनी समस्या
जिले के पाली और पोड़ीउपरोड़ा के कई ग्रामीण इलाके अब भी सड़क विहीन है। कच्ची और पथरिली सड़क की वजह से एंबुलेंस देरी से पहुंंच रही है। गाड़ी के कई पार्ट्स में खराबी आ रही है। इस कारण कई ग्रामीण क्षेत्रों में कर्मचारियों को मरीज के परिजनों की मदद से दो-तीन किलोमीटर पैदल चलकर मरीज को एंबुलेंस तक लाना पड़ रहा है। लगातार मामले सामने आ रहे हैं।
एक माह में दो मामले, जब रास्ते में शिशुओं का हुआ जन्म
केस 1
नौ सितंबर को पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के जटगा क्षेत्र के ग्राम बांधापारा की एक गर्भवती महिला ने अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में शिशु को जन्म दी थी। इसके बाद डॉयल 112 की सहायता के बाद अस्पताल पहुंचाया गया।
केस 2
एक सितंबर को पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम नवापारा की एक महिला का प्रसव पीड़ा हुई। इस पर एक अन्य एंबुलेंस की मदद से अस्पताल लाया जा रहा था। रास्ते में स्थिति गंभीर होने पर रास्ते में ही महिला ने शिशु का जम्द दी।